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जू में चलेगी ट्रेन तो कैमूर में दहाड़ेगा बाघ, बिहार में सरकार ने बनाई है ये नई योजना...

A train will run in the zoo, and a tiger will roar in Kaimur

पटना: बिहार में पर्यावरण संरक्षण अब सिर्फ़ नीतियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अनुभव, संवेदना और सतत विकास की दिशा में एक ठोस पहल बनता जा रहा है। संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में आयोजित पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यही संदेश साफ़ तौर पर उभरकर सामने आया। इस प्रेस वार्ता में विभाग के मंत्री डॉ प्रमोद कुमार ने न केवल अब तक की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया, बल्कि बिहार के हरित भविष्य की एक स्पष्ट रूपरेखा भी साझा की।

बच्चों के लिए ‘छुकछुक’, जू भ्रमण बनेगा यादगार

पटना जू आने वाले बच्चों के लिए जल्द ही एक नया आकर्षण जुड़ने जा रहा है। मंत्री ने घोषणा की कि जैविक उद्यान परिसर में टॉय ट्रेन यानी ‘छुकछुक’ सेवा शुरू की जाएगी। इस ट्रेन से बच्चे और पर्यटक जू का भ्रमण करते हुए वन्यजीवन को नज़दीक से देख सकेंगे। यह पहल न केवल मनोरंजन से जुड़ी है, बल्कि बच्चों में प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता भी विकसित करेगी।

किसानों को राहत, फसल नुकसान पर सख़्ती

ग्रामीण इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले घोड़प्रास की समस्या पर भी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मंत्री ने बताया कि अब डीएफओ स्तर से घोड़प्रास को शूट करने की अनुमति दी जाएगी। एक बार में 50 घोड़प्रास को शूट करने का प्रावधान होगा। इसके लिए शूटर को 750 रुपये और मृत पशु को दफनाने वाले को 1250 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह निर्णय किसानों को आर्थिक राहत देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

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कैमूर को मिला टाइगर रिज़र्व का दर्जा

वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में बिहार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी को टाइगर रिज़र्व घोषित करने की मंज़ूरी मिल चुकी है। मंत्री ने कहा कि इससे जैव विविधता का संरक्षण तो होगा ही, साथ ही कैमूर क्षेत्र में ईको-टूरिज्म के नए अवसर भी पैदा होंगे। जंगलों में टाइगर की मौजूदगी पूरे इको-सिस्टम को मज़बूती देती है।

वन्यजीव संरक्षण और शोध को मिलेगा नया केंद्र

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीसीसीएफ (हॉफ) पीके गुप्ता ने जानकारी दी कि बगहा में रिप्टाइल्स इन्क्यूबेशन कम इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। यह केंद्र शोध, संरक्षण और आम लोगों में जागरूकता फैलाने का एक अहम माध्यम बनेगा।

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रामसर साइट्स में बिहार की मजबूत पहचान

आर्द्रभूमि संरक्षण के क्षेत्र में भी बिहार ने अपनी मौजूदगी और मज़बूत की है। इस वर्ष तीन नए रामसर स्थल घोषित होने के बाद राज्य में अब कुल छह रामसर साइट हो गए हैं। मंत्री ने इसे पर्यावरणीय संतुलन के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।

पटना से डोभी तक ग्रीन कॉरिडोर

पर्यावरण संरक्षण को बुनियादी ढांचे से जोड़ते हुए पटना से डोभी तक ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना साझा की गई। राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर गूलर, पीपल, पकड़ और फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे। इससे न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय के अवसर भी मिलेंगे।

विकास के साथ संरक्षण का संतुलन

मंत्री ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य के 20 चिन्हित स्थलों पर ईको-टूरिज्म विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के दौरान जिन पेड़ों की कटाई होती है, उनके बदले बड़े पैमाने पर पौधारोपण सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बना रहे।

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