जाति जनगणना के बाद तेजस्वी ने निजी क्षेत्र, ठेकेदारी और न्यायपालिका में आरक्षण का मुद्दा उठाया..


Edited By : Arun Chourasia
Friday, May 02, 2025 at 11:35:00 AM GMT+05:30Patna :- विपक्षी दलों द्वारा लगातार डिमांड की जा रही जातिगत जनगणना को मोदी सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद देशभर में अब आरक्षण की चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि बिहार में जातिगत सर्वे के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर नीतीश सरकार ने विधानमंडल से कानून बनाकर आरक्षण में बढ़ोतरी की थी, और इस कानून को केंद्र सरकार को भेज कर नौवीं अनुसूची में डालने की सिफारिश की थी पर मोदी सरकार द्वारा इस सिफारिश को नहीं मानने के बाद पटना हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बढ़े हुए आरक्षण को खत्म कर दिया था, अब जबकि देश की मोदी सरकार ने खुद जातीय जनगणना कराने का फैसला किया है तो इस जनगणना के बहाने जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे को लेकर अब आरक्षण पर बहसबाजी तेज हो गई है, तेजस्वी यादव ने अब जातीय जनगणना के बहाने निजी क्षेत्र,ठेकेदारी और न्यायपालिका में आरक्षण को लागू करने की मांग की है. इसको लेकर तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर किया है. इस पोस्ट में तेजस्वी यादव ने लिखा कि
जातिगत जनगणना तो शुरुआत है, पिक्चर अभी बाक़ी है:-
• पिछड़ों/अति पिछड़ों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र
• निजी क्षेत्र में आरक्षण
• ठेकेदारी में आरक्षण
• न्यायपालिका में आरक्षण
• मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू करेंगे
• आबादी के अनुपात में आरक्षण देंगे
• बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा
• बिहार के लिए विशेष पैकेज
इन मांगों के साथ तेजस्वी यादव ने लिखा कि
उच्च मानसिकता के समता विरोधी संकीर्ण व नकारात्मक संघी और भाजपाई इस पर भी हमें गाली देंगे लेकिन बाद में बेशर्म हमारे ही एजेंडे को अपना मास्टर स्ट्रोक कहेंगे। कितने खोखले लोग है ये?
तेजस्वी के इस बयान के बाद बिहार में एक बार फिर से सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के बीच बयान बाजी होना तय माना जा रहा है.
तेजस्वी का ट्विट इस प्रकार है -