बिहार का लाल बना देश की शान: वैभव सूर्यवंशी को मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
नई दिल्ली: बिहार के उभरते क्रिकेट सितारे वैभव सूर्यवंशी ने बेहद कम उम्र में वह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसका सपना बड़े-बड़े खिलाड़ी देखते हैं। मात्र 14 वर्ष की आयु में वैभव को खेल के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन के लिए *प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार* से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत सरकार द्वारा 5 से 18 वर्ष के बच्चों को उनके अद्वितीय योगदान, प्रतिभा और उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। वैभव को यह सम्मान खेल श्रेणी में मिला, जो उनकी मेहनत, अनुशासन और निरंतर बेहतर प्रदर्शन का प्रमाण है। समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वैभव से मुलाकात की और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
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वैभव सूर्यवंशी हाल के दिनों में अपने रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन के कारण लगातार सुर्खियों में रहे हैं। विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने मात्र 84 गेंदों में 190 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी। इतनी कम उम्र में घरेलू क्रिकेट में इस तरह का प्रदर्शन बेहद दुर्लभ माना जाता है। उनकी यह पारी न सिर्फ आंकड़ों के लिहाज से खास रही, बल्कि इससे उनकी तकनीक, आत्मविश्वास और मैच-समझ भी सामने आई। इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए वैभव को विजय हजारे ट्रॉफी के कुछ अहम मैच छोड़ने पड़े, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान फैसला नहीं होता। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाला यह पुरस्कार उनके करियर में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गया है। वैभव सूर्यवंशी की सफलता बिहार के हजारों युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। यह कहानी साबित करती है कि सही मार्गदर्शन, मेहनत और लगन के साथ छोटे शहरों से निकलकर भी देश और दुनिया में पहचान बनाई जा सकती है। क्रिकेट के मैदान से राष्ट्रपति भवन तक का यह सफर न केवल वैभव का, बल्कि पूरे बिहार का गौरव है।
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