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Industrial Hub बनने से गया जी की तकदीर बदलेगा: डोभी-चतरा रोड पर 1670 एकड़ में प्रस्तावित industrial park का DM ने निरीक्षण किया, दिए पदाधिकारी को बड़ा निर्देश...

Gaya's fate will change by becoming an industrial hub: DM in

Gaya Ji : जिलाधिकारी शशांक शुभंकर द्वारा डोभी चतरा रोड पर 1670 एकड़ में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल पार्क का स्थल निरीक्षण किया गया।।अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी एवं अंचलाधिकारी डोभी तथा अन्य संबंधित पदाधिकारियों द्वारा नक्शे के माध्यम से पूरे औद्योगिक क्षेत्र के बारे में अवगत कराया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी गया ने अपर समाहर्ता राजस्व तथा अंचलाधिकारी डोभी को निर्देश दिए कि उक्त इंडस्ट्रियल एरिया प्रोजेक्ट में कितने लिंक रोड है तथा कितने संख्या में और अतिरिक्त लिंक रोड बनाने की आवश्यकता है, संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से एक कनेक्टिविटी मैप तैयार करें। 


बिहार में उद्योगों का तेजी से वातावरण बन रहा है। अमृतसर -दिल्ली -कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत गया के डोभी में बनने वाले इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर (IMC) परियोजना ज़िले के लिय काफी प्रभावशाली वरदान साबित होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत डोभी में बड़े और मध्यम दर्जे के उद्योग लगाने की योजना है। अमृतसर - दिल्ली - कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर से नजदीकी की वजह से यह क्षेत्र इकोनॉमिक ज़ोन के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इतनी बड़ी पैमाने पर इंडस्ट्रियल हब बनने से गया की तकदीर बदल देगा। इस इंडस्ट्रियल पार्क को विकसित करने हेतु जीटी रोड से चौड़ी सड़के जुड़ेगी, रेलवे कनेक्टिविटी होगी तथा एयर कनेक्टिविटी भी होगी। उन्होंने बताया कि देश का बेहतरीन इंडस्ट्रियल पार्क गया में बनने जा रहा है। केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार दोनों का सहयोग इस इंडस्ट्रियल पार्क के निर्माण में प्राप्त है।

    

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारी डोभी को निर्देश दिया है कि 1670 एकड़ के अलावा इसी भूखंड से सटे अन्य सरकारी भूखंड को खोजने का प्रयास करें ताकि इस औद्योगिक गलियारा ( कॉरिडोर) को और बड़ा रूप में विस्तार किया जा सके। वर्तमान में 1670 एकड़ में किया जा रहे पिलरिंग का कार्य को देखकर निर्देश दिया है कि और तेजी से पिलरिंग का कार्य करवाए, जहां भी जिस बिंदु पर अवरोध आ रहे हैं उस स्थान पर अंचल अधिकारी स्वयं जाकर अवरोध को दूर करें तथा जिला भूअर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जो भी रैयत शेष वंचित हैं, उनको भी जांचोपरांत मुआवजा भुगतान करवाये। जिलाधिकारी ने बताया कि नेशनल हाईवे से फोरलेन सड़क की कनेक्टिविटी को सीधे उक्त परियोजना से जोड़ने के लिए कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग शेरघाटी को निर्देश दिए हैं साथ ही उन्होंने कहा है कि विभाग को अधियाचन भेजने के लिये तेजी से प्रस्ताव तैयार करे। विदित हो कि उक्त कॉरिडोर में पहुंचने के लिए नेशनल हाईवे के दोनों तरफ से सड़क कनेक्टिविटी तैयार किया जा रहा है। 

   

गया जिले में उद्योगों तथा इंडस्ट्रीज का जाल बिछाने हेतु सरकार तथा उद्योग विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के संबंध में ज़िला पदाधिकारी गया ने बताया कि अमृतसर दिल्ली कोलकाता आद्योगिक कॉरिडोर के तहत कुल 13 मौजा 1670.22 एकड़ का रकबा है। उक्त परियोजना के निर्माण हेतु 370 करोड़ प्राप्त राशि के विरुद्ध 211.455 करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। इस परियोजना में 1579 हितबद्ध रैयतों है, जिसके विरुद्ध 1409 रैयतों को भुगतान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रैयतों की जमाबंदी पूर्वजों के नाम के होने के कारण वर्तमान रहे लोगो को भुगतान में थोड़ी धीमी प्रगति है। मुआवजा भुगतान हेतु मौजावार शिविर का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। बताया गया कि 1014.74 एकड़ की रकवा में दखल कब्जा करवा दिया गया है।


अंचलाधिकारी डोभी को डोभी अंचल में कुल 13 मौजा में 171 खेसरा का एलपीसी लंबित है, जिसे तेजी से निर्गत करने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर योजना के तरह एलपीसी निर्गत में धीमी प्रगति को देखते हुए निर्देश दिया कि कैंप के माध्यम से रैयत के बीच एलपीसी निर्गत करने में तेजी लावे। इस जमीन को उद्योगों इंडस्ट्रीज के लिए आवंटन करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमृतसर कोलकाता कॉरिडोर इंडस्ट्रियल पार्क में उद्योग संबंधी सभी आवश्यक सुविधाएं कॉमन फैसिलिटी सेंटर सहित अन्य सुविधाएं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह अपने आप में एक शानदार इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनेगा।


डीएम ने कार्यपालक अभियंता बिजली विभाग को निर्देश दिया है कि इस स्थान पर पावर ग्रिड बनाने के लिए विभाग से समन्वय कर तेजी से प्रस्ताव तैयार करते हुए ग्रिड बनवाना सुनिश्चित करवाये। इसके अलावा उन्होंने कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया है कि उपयुक्त कॉरिडोर में पानी की आपूर्ति संबंधित आकलन करते हुए उसकी कार्य योजना तैयार करते हुए प्रस्ताव तैयार करे एवं विभाग को समर्पित करें। निरीक्षण में उद्योग विभाग के डायरेक्टर, अपर समाहर्ता राजस्व परितोष कुमार, भूअर्जन पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारी, ज़िला उद्योग पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारी शेरघाटी, अंचलाधिकारी डोभी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।


गया जी से मनीष कुमार की रिपोर्ट

     

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