झूठ बोल रहे हैं, पहले सत्ता में तो आ जायें..., तेजस्वी की घोषणा पर NDA के नेताओं ने किया जबरदस्त हमला, चिराग ने तो...
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीति और घोषणाओं का सिलसिला लगातार जारी है। एक तरफ सत्ता पक्ष विपक्ष पर जंगलराज लाने का आरोप लगा रहा है तो दूसरी तरफ विपक्ष बदलाव की बयार की बातें कह रहा है। इसी कड़ी में तेजस्वी यादव ने बुधवार को कई घोषणाएं की जिसमें उन्होंने जीविका दीदी और संविदाकर्मियों को लेकर बड़ा एलान किया है। तेजस्वी यादव की घोषणाओं पर अब बिहार में बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है।
ये सिर्फ लूटना जानते हैं
तेजस्वी की घोषणाओं को लेकर एक तरफ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि ये लोग केवल गप मारते हैं। इनके माता-पिता 15 वर्षों तक बिहार में सत्ता में रहे और तब उन्होंने एक लाख लोगों को भी नौकरी नहीं दी। ये लोग चुनाव देख कर घोषणाएं कर रहे हैं जबकि कुछ काम नहीं कर रहे हैं। ये लोग सिर्फ लूटना जानते हैं इसके अलावे और कुछ कर ही नहीं सकते।
झूठ बोल रहे हैं तेजस्वी
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि तेजस्वी झूठ बोल रहे हैं, वे भ्रम फ़ैलाने के लिए ये सब बोल रहे हैं। जीविका दीदियों की चिंता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरू से ही कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहले भी बजट दे कर सहयोग किया है और अभी जो 10 हजार रूपये दिए गए हैं उसके बारे में भी विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि वापस करना पड़ेगा तो मैं बता दूँ वह राशि वापस नहीं करना पड़ेगा। आज यहां जो रोजगार NDA और नीतीश कुमार की सरकार ने दी है वह रोजगार जीविका दीदियों के जीवन में काफी खुशियाँ लाइ है और आगे भी उनके लिए जो करना होगा NDA सरकार करेगी। जीविका दीदियों को पता है कि तेजस्वी लुटेरा, भ्रष्टाचारी, परिवारवादी और वह अपराधियों को संरक्षण देने वाला है।
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तेजस्वी यादव के माता पिता के ज़माने में माताओं बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार होता था, नरसंहार होता था और उस समय महिलाओं का जो दमन हुआ है, मां के गोद में सो रहे बच्चे का दूध का भी घोटाला हुआ था। बच्चे भूख से मर गए लेकिन उस दूध के पैसे का घोटाला हुआ था, चारा घोटाला हुआ, अलकतरा घोटाला हुआ। गरीबों के साथ अन्याय हुआ था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत और विकसित बिहार का संकल्प लिया है उसमें महिलाऐं, किसान, युवा गरीब हैं। बिहार में मोदी जी और नीतीश जी ही विकास कर सकते हैं। तेजस्वी यादव राक्षस की तरह चाहे जो भी मायाजाल फैला लें जनता उसके झांसे में नहीं आने वाली है।
पहले सत्ता में तो आ जायें तेजस्वी
वहीं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तेजस्वी की घोषणाओं पर कहा कि पहले सरकार में तो आ जाएं। आपसी मतभेद खत्म तो कर लें, महागठबंधन में जो लड़ाई चल रही है और जो महागठबंधन पूरी तरह से टूट चूका है उसके बाद भी इन्हें लगता है कि ये सत्ता में आयेंगे, मुझे लगता है कि ये मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं। आज इतने दिनों के बाद इन्हें याद आया कि बिहार में चुनाव चल रहा है और मीडिया को हम बताएं कि हम क्या सोच रख रहे हैं। ये लोग इतने दिनों से कहाँ थे, एसी में बैठ कर अपने महत्वाकांक्षाओं को सुलझाने के प्रयास में लगे थे। अभी थोड़ी देर पहले कांग्रेस के चुनाव प्रभारी अशोक गहलोत आये हैं, आज उनको याद आया है कि वे चुनाव प्रभारी बने हैं। महागठबंधन जब खत्म हो गया है तब उन्हें बातचीत करने की याद आई है। राहुल गांधी कहाँ हैं, थोड़ी दिन पहले वह घूम घूम कर SIR को लेकर हंगामा कर रहे थे।
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राहुल-तेजस्वी को बताया जिम्मेवार
राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव की यह जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि एकसाथ बैठ कर महागठबंधन में चल रहे सर फुटोव्वल को खत्म करें। ये पूरा प्रकरण दिखाता है कि जो 5-6 घटक दलों को एक साथ नहीं रख सकता है वह बिहार की इतनी जनता को क्या एक साथ रख सकेगा। ये कहते हैं कि 8-10 सीटों पर ही तो एक दूसरे के विरोध में हैं, यह कैसे होगा कि एक सीट पर एक दूसरे को ये कोसेंगे और दूसरे सीट पर जा कर साथ देंगे, यह नहीं होता है। बिहार की जनता समझ चुकी है कि जो गठबंधन को नहीं संभाल सकता है वह बिहार को भी नहीं संभाल सकता है। वहीं राहुल गाँधी के द्वारा जलेबी छानने की बात पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान न कहा कि जलेबी तो वे हरियाणा में भी बाँट रहे थे, जब उस वक्त उन्हें हजम नहीं हुई तो यहां छानने से क्या होगा। जिस तरह से कांग्रेस हरियाणा में मुंह के बल गिरी वही हश्र यहां बिहार में भी होगी।
PK पर भी किया हमला
वहीं महागठबंधन में राहुल गाँधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात पर चिराग ने कहा कि कहाँ गठबंधन एकसाथ है। हम NDA के सभी घटक दल एक सुर में कह रहे हैं कि नीतीश जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। हम सभी दल मिल कर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं लेकिन इन्हें अब तक एसी कमरे से निकलने का फुर्सत नहीं मिला है। अब तक चुनाव प्रचार में नहीं उतरे हैं कोई नेता जबकि नामांकन खत्म हो गया। वहीं प्रशांत किशोर के चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि जब फ्रंट में आ कर लीड नहीं कर सकते हैं तो संगठन आप के ऊपर विश्वास क्यों करेगा। प्रशांत किशोर जी का यह फैसला कहीं न कहीं उनके समर्थकों का मनोबल तोड़ता है। जब लीडर में ही क्षमता नहीं है चुनौती लेने की तो कार्यकर्ता में क्या हिम्मत होगी।
बता दें कि बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को जीविका दीदी और संविदाकर्मियों को लेकर कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने पर हम जीविका दीदियों के लोन माफ़ कर देंगे, साथ ही उन्हें हर महीने 30 हजार रूपये देंगे जबकि संविदाकर्मियों को भी स्थायी कर देंगे।