सड़क में दिखे गड्ढा तो तुरंत निकालिए मोबाइल और फोटो खींच कर..., अब जनता करेगी अपने सुविधाओं की निगरानी...
गड्ढा दिखा, मोबाइल निकाला और शिकायत भेजी, अब सड़क की निगरानी करेगी जनता। फीडबैक सिस्टम से बढ़ेगी पारदर्शिता, आम लोग बनेंगे निगरानीकर्ता, स्कैन करते ही मिलेगी सड़क की जानकारी, फोटो से होगी शिकायत दर्ज। जनभागीदारी से मजबूत होगा ग्रामीण सड़क रख-रखाव सिस्टम, तकनीक आधारित व्यवस्था से होगा सड़क मरम्मत का तेज समाधान
पटना: ग्रामीण सड़कों के रख-रखाव को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए अब आम नागरिकों को भी निगरानी प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है। ग्रामीण कार्य विभाग ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्मित सड़कों के रख-रखाव के लिए क्यूआर कोड आधारित फीडबैक प्रणाली लागू करने का निर्देश जारी किया है। ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव ई. निर्मल कुमार ने मंगलवार को विभाग के सभी कार्य प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे ई-मार्ग (eMARG) पोर्टल से जनरेट किए गए क्यूआर कोड को सड़क किनारे लगे रख-रखाव सूचना बोर्ड पर अनिवार्य रूप से लगाएं। इसके माध्यम से कोई भी नागरिक सड़क से जुड़ी समस्या या सुझाव सीधे विभाग तक पहुंचा सकेगा।
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क्यूआर कोड से सीधे विभाग तक पहुंचेगा फीडबैक
अभियंता प्रमुख ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और तकनीक-सक्षम बनाने के उद्देश्य से यह व्यवस्था लागू की गई है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर नागरिक संबंधित सड़क की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और सड़क पर गड्ढे, टूट-फूट या अन्य खामियों की तस्वीरें खींचकर फीडबैक विंडो के माध्यम से अपलोड कर सकेंगे। यह फीडबैक सीधे विभागीय प्रणाली में दर्ज होगा। ई-मार्ग पोर्टल के माध्यम से पीएमजीएसवाई के अंतर्गत निर्मित प्रत्येक सड़क के लिए एक विशिष्ट क्यूआर कोड तैयार किया गया है, जिसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिए गए निर्देशों के साथ रख-रखाव सूचना बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा। नागरिकों द्वारा भेजी गई तस्वीरें और फीडबैक नियमित निरीक्षण (RI) से जोड़े जाएंगे।
AI विश्लेषण से तेज होगा सड़क सुधार
इन तस्वीरों का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के माध्यम से किया जाएगा, जिससे इंजीनियरिंग स्टाफ के प्रदर्शन मूल्यांकन (PE) में मदद मिलेगी। संबंधित अभियंता इन तस्वीरों की समीक्षा के आधार पर रख-रखाव से जुड़े निर्णय लेंगे, जिससे समस्याओं का समयबद्ध समाधान संभव हो सकेगा। अभियंता प्रमुख ने बताया कि 17 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA) ने जानकारी दी थी कि यह सुविधा अब पूरी तरह कार्यात्मक हो चुकी है। इसके बाद सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि में आने वाली सड़कों के क्यूआर कोड को फ्लेक्स सामग्री पर प्रिंट कर सूचना बोर्ड पर तुरंत लगाया जाए, ताकि आम जनता इस सुविधा का लाभ उठा सके। इस पहल के माध्यम से ग्रामीण सड़क रख-रखाव में जनभागीदारी, डेटा-आधारित निर्णय और पारदर्शिता को मजबूती मिलेगी, साथ ही पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित सड़कों का नियमित और गुणवत्तापूर्ण रख-रखाव सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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