खाकी की गुंडागर्दी : युवक से पुलिसकर्मियों ने छीने 25 हजार रुपये और बेरहमी से कर दी पिटाई, अब मैनेज करने के लिए ऑफर कर रहे 50...

Gaya Ji Crime : गया जी सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में पुलिस का असली चेहरा सामने आया है। बाजार से घर लौट रहे पर्यावरण संरक्षक युवक को पुलिस ने रोक कर पहले बाइक का कागज मांगा। युवक ने व्हाट्सएप पर सभी वैध कागज दिखा दिए। लेकिन आरोप है कि, इसके बाद भी पुलिस ने उस पर कोई रहम नहीं किया। वहीं मौके पर ही बेवजह बीच सड़क उसकी बेरहमी से सरेआम धुनाई कर दी। पीड़ित युवक अभय कुमार, बाराचट्टी के सिमरवार गांव का निवासी है। वह शहर में पर्यावरण संरक्षण के तहत अब तक 17 हजार पेड़ पौधे लगा चुका है। इसके अलावा जुम्बा डांस की ट्रेनिंग देता है और मैरिज ब्यूरो भी पटना और गया में चलाता है। पुलिस की गुंडागर्दी की यह घटना बीती 24 जून की रात 8 बजे की बताई जा रही है।
अभय ने बताया कि, बीती रात 24 जून को 8 बजे डीआईजी ऑफिस के सामने दो पुलिस वालों ने उसे रोका। उस दौरान अभय हेलमेट नहीं पहना था। अभय का कहना है कि, दोनों पुलिसवाले वर्दी में थे। पुलिस के जवान ने कागज दिखाने की बात कही। कागज घर से वाट्सएप पर मंगवाने लगा तो पुलिसकर्मी ने 2000 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। इस बीच घर वालों ने बाइक के सारे कागज वाट्सएप के जरिये भेज दिए। पुलिस वाले को सारे आवश्यक दस्तावेज दिखा भी दिया। इसके बावजूद 2000 की मांग करने लगे। इस पर अभय ने साफ मना कर दिया। कहा कि, हेलमेट मेरे पास नहीं है तो 500 से ज्यादा नहीं दे सकता हूं। इस पर पुलिस वाले बौखला गए।
अभय ने बताया कि, जब दो हजार रुपये देने से इनकार कर दिया तो दोनों पुलिसकर्मियों ने बीच सड़क पर पीटना शुरू कर दिया। टी-शर्ट तक फाड़ दी। अभय का कहना है कि, पुलिसकर्मी ने चंदन की कीमती माला तोड़ दिए। यही नहीं पीटने के दौरान उन दोनों पुलिसकर्मियों ने सिविल लाइंस थाना से और पुलिस वाले को बुला लिया। फिर बीच सड़क पर ही बेरहमी से लात-घूंसे से मारा। अभय ने बताया कि किसी अपराधी के तरह कमर पीछे हाथ लगाकर पुलिस जीप में पुलिस वाले जबरन पीछे बिठाने लगे। इस दौरान पुलिस वालों ने मारपीट की वारदात को अंजाम दिया। अभय ने बताया कि, वे मारते रहे मैं उनसे जूझते हुए पूरी घटना का खुद ही वीडियो बनाता रहा। थक हारकर पुलिस वाले धमकाते हुए चले गए। अभय ने बताया कि कान में गंभीर चोट आई है। डॉक्टर ने पटना या दिल्ली जाकर इलाज कराने की सलाह दी है।
इतना ही नहीं अभय का यह भी आरोप है कि, पुलिस वालों ने जेब में पड़े 25 हजार रुपये भी छीन लिए। जब युवक ने पैसे वापस मांगे, तो पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया। कहने लगे कि हमने तो नहीं लिया है।
युवक ने इस पूरे मामले का वीडियो अपने पास सुरक्षित रखा है। युवक का कहना है कि, घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी से भी सच्चाई सामने आ सकती है।
अभय ने यह भी बताया कि, घटना के दूसरे दिन सिविल लाइंस थाने गया। आवेदन दिया पर पुलिस वालों ने आवेदन नहीं लिया। मामले का रफा दफा करने का दवाब बनाने लगे। इस पर वह वापस लौट आया। दूसरे दिन शुक्रवार को फिर थाने गया। लेकिन, आवेदन नहीं लिया गया। उलटा कंपरमाइज़ का दवाब बनाने लगा तो मैं वापस लौट आया। अब इस मामले में पुलिस के वरीय अधिकारी से गुहार लगाऊंगा। फिर भी बात नहीं बनी तो कोर्ट की शरण लूंगा। क्योंकि, मुझे बीच सड़क पर बेवजह दर्जनों लोगों के बीच बेरहमी से पीटा गया है। मेरे कान में गम्भीर चोट आई है। इस घटना और दर्द को आजीवन नहीं भूल सकता।
इधर जब सिविल लाइंस थाने के इंपेक्टर शमीम अहमद से फोन पर सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि, मुझे इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। इस तरह की कोई घटना मेरे संज्ञान में है ही नहीं। वहीं दूसरी ओर पीड़ित अभय का कहना है कि, दो दिन लगातार थाने गया था। दोनों दिन इंस्पेक्टर शमीम से मिला पर वह कार्रवाई की जगह मैनेज करने का पाठ पढ़ाने लगे। शुक्रवार की देर रात को भी वह फोन कर हमें समझाने में जुटे थे। यहां तक कि, 50 हजार रुपए मैनेज करने के लिए ऑफर भी किए। लेकिन, मैं नहीं माना क्योंकि मेरे साथ घोर अन्याय हुआ है।
गया जी से मनीष कुमार की रिपोर्ट