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जहां सूख चुके थे कुएं, वहां लौटा जीवन, रैयती भूमि पर पौध लगाकर किसान की बढ़ रही आय...

Life returned to the places where the wells had dried up.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को लेकर लगातार सक्रिय है। इसी क्रम में जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत बिहार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्यभर में वर्षों से सूखे पड़े पुराने कुओं का व्यवस्थित तरीके से जीर्णोद्धार किया जा रहा है। अब तक इस अभियान के अंतर्गत कुल 38,629 कुओं में से 37,995 कुओं का पुनरुद्धार पूरा किया जा चुका है। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बोरिंग के साथ-साथ कुओं से स्वच्छ और प्राकृतिक पानी की सुविधा फिर से मिलने लगी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में अब केवल 293 कुओं का जीर्णोद्धार कार्य शेष है, जिसे भी जल्द पूरा करने की तैयारी है।

5 जून पर्यावरण दिवस के दिन दिया जाता पर्यावरण हितैषी पुरस्कार

जानकारी के लिए बता दें कि हर साल 5 जून यानि पर्यावरण दिवस के दिन पर्यावरण स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को पर्यावरण हितैषी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में चौतरफा विकास ने बिहार को सूखी व समृद्ध दिशा की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है।

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5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण हितैषी सम्मान

हर वर्ष 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को पर्यावरण हितैषी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। इसी संतुलित नीति का परिणाम है कि बिहार तेजी से सूखेपन से हरियाली और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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