darsh news

मगध विश्वविद्यालय में विदेशी डिग्री घोटाला: FIR के बाद भी गिरफ्तारी नहीं?...

Magadh Vishwavidyalay mein videshi degree ghotala: FIR ke ba

Gaya Ji : मगध विश्वविद्यालय में बुद्धिस्ट अध्ययन विभाग द्वारा फर्जी मानद डिग्रियों के वितरण का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में दर्ज FIR संख्या 269/24 को 7 महीने बीत चुके हैं, परंतु अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। 


इस प्रकरण में प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर छात्रों में भारी आक्रोश है और प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।मगध विश्वविद्यालय के छात्र नेता सूरज सिंह ने इस पूरे मामले में आरोप लगाया है कि यह कोई साधारण शैक्षणिक गड़बड़ी नहीं, बल्कि सुनियोजित और संगठित षड्यंत्र है। 


उन्होंने कहा कि विदेशों में मगध विश्वविद्यालय के नाम का दुरुपयोग कर जिस प्रकार से डिग्रियाँ बांटी गईं, वह न केवल विश्वविद्यालय की साख को नुकसान पहुंचाने वाला है, बल्कि इसके पीछे उच्च प्रशासनिक स्तर पर मौन समर्थन की भी झलक मिलती है। सूरज सिंह ने कहा कि आरोपी शिक्षकों विष्णु शंकर और कैलाश प्रसाद को निरंतर संरक्षण मिलता रहा, जो केवल विभागीय प्रभाव से संभव नहीं है। 


उन्होंने आरोप लगाया कि यह घोटाला उच्च पदाधिकारियों की जानकारी और सहभागिता के बिना संभव नहीं हो सकता। छात्र नेता ने यह भी मांग की कि इसकी स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस घोटाले के कारण विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय छवि भी प्रभावित हुई है। छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों का भरोसा डगमगाया है। 


इस मामले को महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यूजीसी अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और दोषियों को सजा दिलाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा। एबीवीपी ने इस बात पर भी चिंता जताई कि राज्य सरकार, उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन की इस मामले पर चुप्पी कई संदेहों को जन्म दे रही है। यदि समय रहते इस पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घोटाला बिहार ही नहीं, पूरे देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था के लिए कलंक बन सकता है। छात्र संगठन ने स्पष्ट किया है कि यह मामला दो शिक्षकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है जिसमें उच्च पदों पर बैठे लोगों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर निष्पक्ष जांच हुई तो कई बड़े नामों का पर्दाफाश होना तय है।


गया जी से मनीष कुमार की रिपोर्ट

Scan and join

darsh news whats app qr