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नल-जल योजना में बड़ा एक्शन, ठेकेदार पर 20.97 लाख का जुर्माना

Major action in the tap water scheme, contractor fined 20.97

शेखपुरा: नल-जल योजना में आपरेटरों के मानदेय में कटौती कर अपनी जेब भरने वाले ठेकेदारों पर अब प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। इसी कड़ी में शेखपुरा जिले की मालदह पंचायत अंतर्गत फेदालीबीघा गांव के नल-जल ठेकेदार पर 20 लाख 97 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही ठेकेदार के खिलाफ श्रम आयुक्त, मुंगेर के न्यायालय में मामला भी दर्ज कराया गया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी शेखर आनंद के आदेश पर श्रम अधीक्षक द्वारा की गई। जानकारी के अनुसार, जिले में नल-जल योजना के तहत कुल 557 आपरेटर कार्यरत हैं, जिनका मानदेय संबंधित ठेकेदारों द्वारा भुगतान किया जाता है। जिले में लगभग 80 ठेकेदार इस योजना से जुड़े हुए हैं। श्रम अधीक्षक राजेश सिन्हा ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी 444 रुपये प्रतिदिन है, लेकिन कई स्थानों से शिकायत मिल रही थी कि ठेकेदार आपरेटरों को इससे काफी कम मानदेय दे रहे हैं या महीनों तक भुगतान नहीं कर रहे।

ऐसे सामने आया मामला

12 दिसंबर को फेदालीबीघा गांव के नल-जल आपरेटर मधु कुमार ने जिलाधिकारी के साप्ताहिक जनता दरबार में आवेदन देकर 17 महीने से मानदेय नहीं मिलने की शिकायत की थी। जांच में यह भी सामने आया कि पहले जो भुगतान हुआ था, वह भी न्यूनतम मजदूरी से कम था। जांच के बाद प्रशासन ने इसे गंभीर नियम उल्लंघन मानते हुए कड़ी कार्रवाई की।

पीएचईडी की भूमिका

पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार ने बताया कि विभाग नल-जल योजना के लिए ठेकेदारों को आपरेटरों के मानदेय, बिजली बिल और रख-रखाव की राशि देता है। इसके बावजूद मानदेय में गड़बड़ी सामने आना गंभीर विषय है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगले सप्ताह और भी ठेकेदारों पर कार्रवाई संभव है।

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