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शराबबंदी कानून को लेकर बिहार में अब तक 14 लाख से ज्यादा गिरफ्तारी..

More than 14 lakh people have been arrested in Bihar for vio

Patna :- शराबबंदी कानून के तहत अभी तक बिहार में 14 लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है, और 3 करोड़ लाख लीटर शराब नष्ट की जा चुकी है.

 बताते चलें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून के लागू हुए 9 वर्ष पूरे हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने  05 अप्रैल, 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू की थी. उनके इस फैसले का बिहार के सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने समर्थन दिया था, हालांकि हाल के दिनों में शराबबंदी पर कई तरह के सवाल भी उठे हैं, विपक्षी राजद ने अपनी सरकार में आने पर इसमें संशोधन की बात कही है तो प्रशांत किशोर ने शराबबंदी कानून को हटाने की घोषणा की है.

 वहीं सरकार के मंत्री और अधिकारियों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस साहसिक फैसले की बदौलत राज्य में बड़ी संख्या में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया और उन्हें वैकल्पिक जीवनयापन के कई बेहतर विकल्प मिले। दूसरी तरफ, इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई। 

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के स्तर से जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2016 से मार्च 2025 तक राज्यभर में 3 करोड़ 86 लाख 96 हजार 570 लीटर शराब बरामद की गई। इसमें 2 करोड़ 10 लाख 64 हजार 584 लीटर विदेशी तथा 1 करोड़ 76 लाख 31 हजार 986 लीटर देशी शराब शामिल है। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के स्तर से 1 करोड़ 18 लाख 16 हजार 288 लीटर और पुलिस ने 2 करोड़ 68 लाख 80 हजार 282 लीटर शराब जब्त की है।

       सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत शराब एवं ताड़ी के परंपरागत व्यवसाय से जुड़े 45 हजार 994 परिवारों को वैकल्पिक व्यवसाय के लिए चयनित किया गया है। इसमें 42 हजार 809 परिवारों के बीच 163 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है।

3.77 करोड़ लाख लीटर शराब विनष्ट 

पिछले 9 वर्षों में राज्य में जब्त की गई 3 करोड़ 86 लाख 96 हजार 570 लीटर शराब में मार्च 2025 तक 3 करोड़ 77 लाख 28 हजार 713 लीटर शराब नष्ट किया जा चुका है। यह कुल जब्त की गई शराब का 97 फीसदी है। यानी अभी 9 लाख 67 हजार 857 लीटर शराब नष्ट करने के लिए शेष है। इसकी प्रक्रिया भी जारी है। कोर्ट से अनुमति मिलते ही इन्हें भी नष्ट कर दिया जाएगा।


14.32 लाख गिरफ्तारी

शराबबंदी कानून के तहत 9 वर्षों के दौरान इसका किसी न किसी रूप में उल्लंघन करने वाले 9 लाख 36 हजार 949 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इसमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की तरफ से 4 लाख 24 हजार 852 तथा पुलिस के स्तर से 5 लाख 12 हजार 97 एफआईआर दर्ज की गई है। इन मुकदमों 14 लाख 32 हजार 837 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। इसमें मद्य निषेध विभाग के स्तर पर 6 लाख 18 हजार 134 और पुलिस महकमा के स्तर से 8 लाख 14 हजार 703 गिरफ्तारी की गई है।

अप्रैल 2016 से मार्च 2025 तक उत्पाद न्यायालयों में 9 लाख 36 हजार 949 उत्पाद मुकदमा दर्ज किए गए हैं। इस वर्ष मार्च तक 4 लाख 18 हजार 954 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है, जो कुल दर्ज मामलों का 45 प्रतिशत है। निष्पादित किए गए मामलों में 4 लाख 16 हजार 97 आरोपियों को सजा सुनाई गई है, जो कुल निष्पादित मामलों का करीब 99 फीसदी है। 

इस कानून के अंतर्गत पिछले 9 वर्षों के दौरान 1 लाख 40 हजार 279 वाहनों की जब्ती की गई है। इसमें इस वर्ष मार्च तक 74 हजार 725 वाहनों की नीलामी की जा चुकी है, जिससे 340 करोड़ 55 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है। 17 हजार 163 वाहनों को पेनाल्टी देकर मुक्त कराया गया है। इससे 81 करोड़ 41 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। 


8 हजार से अधिक भवन जब्त

शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने से जुड़े मामले में 8 हजार 268 भवन या भूखंड जब्त किए गए हैं। इसमें 584 भवन या भूखंड को पेनाल्टी देकर मुक्त कराया गया है, जिससे 8 करोड़ 23 लाख रुपये की आमदनी हुई है। ये वैसे भवन या भूखंड हैं, जहां शराब छिपा कर रखी गई थी या बनाई जाती थी। ताकि इससे तस्करी की जा सके।


डॉग से लेकर स्कैनर तक की मदद

राज्य में अवैध शराब की खेप पकड़ने और छापेमारी में शराब पकड़ने के लिए स्नीफर डॉग, ब्रेथ एनालाइजर से लेकर हैंड हेल्ड स्कैनर तक की मदद ली जा रही है। विभाग में 33 स्नीफर डॉग हैं। 890 ब्रेथ एनालाइजर और 12 हैंड हेल्ड स्कैनर चेकपोस्ट पर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा विभाग में कॉल सेंटर भी स्थापित किए गए हैं। इनमें रोजाना औसतन 300-400 कॉल आ रहे हैं, जिसके आधार पर विभाग के स्तर से छापेमारी की जाती है।

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