अररिया में नीलगाय का कहर, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी
अररिया: अररिया जिले के भारत–नेपाल सीमा से सटे इलाकों में इन दिनों नीलगाय का आतंक आम किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। खासकर नरपतगंज और रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में नीलगाय किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रही है। हालात ऐसे हैं कि पुरुष और बच्चे रात-दिन हाथों में लाठी लेकर खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं, ताकि अपनी फसल और जान-माल की रक्षा कर सकें। ठंड के मौसम में नीलगाय के बढ़ते तांडव से किसान बेहद परेशान हैं।
जिले के विभिन्न प्रखंडों में मक्का, टमाटर, फूलगोभी समेत कई फसलें नीलगाय के झुंड द्वारा बर्बाद की जा रही हैं। किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर की गई खेती उनकी आंखों के सामने नष्ट हो रही है, जिससे वे मानसिक और आर्थिक दोनों तरह की परेशानी झेल रहे हैं। किसानों के अनुसार, नेपाल की खुली सीमा के रास्ते नीलगाय भरगामा, नरपतगंज और खजुरी पंचायत समेत आसपास के इलाकों में प्रवेश कर जाती है और रातों-रात खेत साफ कर देती है। फसलों के बर्बाद होने से किसान न सिर्फ मायूस हैं, बल्कि उन्हें यह भी चिंता सता रही है कि वे लिया गया कर्ज कैसे चुकाएंगे।
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ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर समस्या को लेकर उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया, लेकिन अब तक न तो सांसद और न ही विधायक स्तर से कोई ठोस पहल होती नजर आई। किसानों का कहना है कि प्रशासन और सिस्टम इस पूरे मामले में मूकदर्शक बने हुए हैं। हालांकि, पूरे मामले पर नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक देवयंती देवी ने कहा है कि पहले इस क्षेत्र में नीलगाय की समस्या नहीं थी।
उन्होंने बताया कि किसानों ने उन्हें इस समस्या से अवगत कराया है और वे संबंधित अधिकारियों से बात कर समाधान निकालने का प्रयास करेंगी। गौरतलब है कि भारत-नेपाल की खुली सीमा के कारण नीलगाय की आवाजाही लगातार बनी रहती है, जिससे खेती के साथ-साथ आम जनजीवन और सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में किसानों का प्रशासन से यही कहना है कि जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि उन्हें राहत मिल सके और उनकी मेहनत यूं ही बर्बाद न हो।
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अररिया से अरुण कुमार की एक रिपोर्ट।