darsh news

अब पटना के पार्कों पर तीसरी आंख रखेगी नजर, अवैध गतिविधियों पर लगेगा लगाम...

Now, CCTV cameras will keep an eye on parks in Patna.

पटना: सुबह की सैर, बच्चों की किलकारियाँ और शाम की ठंडी हवा, पार्क शहर की वही जगहें हैं जहाँ लोग थोड़ी देर के लिए रोज़मर्रा की भागदौड़ से बाहर निकलते हैं। लेकिन बीते कुछ समय में राजधानी पटना के कई पार्कों को लेकर सुरक्षा से जुड़ी चिंताएँ भी सामने आई हैं। अब इन चिंताओं पर सरकार ने गंभीरता दिखाई है। पटना के सभी पार्कों में जल्द ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसका मकसद सिर्फ निगरानी नहीं, बल्कि लोगों को सुरक्षित माहौल देना है। यह फैसला पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया। सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित इस बैठक में पार्कों की सुरक्षा और जन-सुविधाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक के दौरान मंत्री ने स्पष्ट किया कि पार्क सिर्फ हरियाली के नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन के केंद्र हैं। ऐसे में वहां सुरक्षा और सुविधाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पार्कों में पेयजल, स्वच्छता और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत किया जाए, ताकि हर उम्र के लोग बिना किसी परेशानी के पार्कों का उपयोग कर सकें। सुरक्षा के मुद्दे पर कुम्हरार विधायक संजय कुमार गुप्ता ने पार्कों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का सुझाव रखा। मंत्री ने इस सुझाव पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। माना जा रहा है कि कैमरे लगने से असामाजिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण लगेगा और लोगों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी।

यह भी पढ़ें     -        हिजाब मामले में राज्यपाल ने भी दिया बड़ा बयान, कहा 'नुसरत को...'

पार्कों को सिर्फ सुरक्षित ही नहीं, बल्कि जानकारीपूर्ण और जागरूकता का केंद्र बनाने की भी योजना है। मंत्री ने निर्देश दिया कि पार्कों में लगे वृक्षों के नाम और उनके उपयोग से जुड़ी जानकारी बोर्ड पर अंकित की जाए। इससे लोग न सिर्फ प्रकृति से जुड़ेंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझ सकेंगे। बैठक में हरियाली बढ़ाने को लेकर भी रणनीति बनी। पटना-डोभी (गयाजी) राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर पौधरोपण के लिए सर्वे कराने, फलदार पौधों को प्राथमिकता देने और स्थानीय किसानों को इस अभियान से जोड़ने पर जोर दिया गया। मंत्री ने कहा कि किसानों के सहयोग से किया गया पौधरोपण लंबे समय तक टिकाऊ और लाभकारी होगा। इसके अलावा वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत लंबित प्रस्तावों की समीक्षा भी की गई। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे प्रस्तावों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, ताकि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बना रहे।

यह भी पढ़ें     -        नुसरत परवीन को 3 लाख की नौकरी का ऑफर दे बुरे फंसे झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री, JDU ने कहा...


Scan and join

darsh news whats app qr