darsh news

PK ने पारस हॉस्पिटल में हुए मर्डर पर सरकार और ADG को घेरा, बोले- ADG का बयान उनकी मानसिकता को दिखाता है, अगर...

PK ne Paras hospital mein hue murder par sarkaar aur ADG ko

Banka : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर 'बिहार बदलाव यात्रा' के क्रम में बांका के अमरपुर और जमुई के झाझा में जनसभा करने पहुंचे। बांका के अमरपुर में जनसभा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने पटना के पारस अस्पताल में हुए हत्याकांड को लेकर बिहार सरकार और एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) कुंदन कृष्णन पर हमला बोला।


प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था अभी और बिगड़ेगी। वजह कि पूरा प्रशासन शराब और बालू से कमाई करने में लगा है। सभी मंत्री ट्रांसफर-पोस्टिंग से अवैध उगाही में लगे हैं। यह लोग कानून का काम कब करेंगे? जब सरकार का मुखिया ही अचेतन अवस्था में होगा, तब तो स्थिति बिगड़ेगी ही।


उन्होंने एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) कुंदन कृष्णन के बयान को लेकर कहा कि, यह ऐसे अधिकारियों और सरकार की मानसिकता को दिखाता है। जिम्मेवारी लेने के बजाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बजाए समाज पर या किसान मजदूर पर दोषारोपण कर रहे हैं। पारस अस्पताल का वीडियो देख लीजिए, पैंट-शर्ट पहने लोग जाकर गोली मारते दिख रहे हैं, एडीजी को अगर ये किसान दिख रहे हैं तो उन्हें अपने आंख के जांच की जरूरत है।


वहीं शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के मोतिहारी आगमन को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि वो चौथी बार बिहार आ रहे हैं। मैं लगातार कह रहा हूं कि मोदी जी को यह बताना चाहिए कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था कब सुधरेगी, युवाओं का पलायन कब रुकेगा? बिहार में फैक्ट्री कब लगेगी ताकि हमारे बच्चों को गुजरात न जाना पड़े। हमें रेल या सड़क नहीं चाहिए, वो हमलोग खुद कर लेंगे।


बांका और जमुई की जनता से PK बोले- इस साल अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए, लालूजी से सीखिए कि अपने बच्चों की चिंता कैसे करें।


इससे पहले प्रशांत किशोर ने बांका और जमुई की जनसभाओं में मौजूद लोगों से कहा कि इस बार अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट कीजिए। अपने बच्चों की चिंता करना लालूजी से सीखिए। लालू जी का बेटा 9वीं पास भी नहीं किया है, फिर भी वह चाहते हैं कि उनका बेटा राजा बने और दूसरी तरफ बिहार के लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बी.ए. (B.A), एम.ए. (M.A) कर चुके हैं, फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है।


उन्होंने कहा कि इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। छठ के बाद बांका के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा।

Scan and join

darsh news whats app qr