darsh news

पलायन का दंश सबसे बड़ा दंश है: प्रशांत किशोर

Prashant on palayan

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार सत्याग्रह आश्रम में शक्ति संवाद को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैंने 2 साल बिहार में पदयात्रा की तो देखा कि बिहार में सबसे ज्यादा कष्ट महिलाओं को हो रहा है। शिक्षा व्यवस्था चौपट हो तो भी आप कष्ट में हैं और अगर आपका पति या बेटा रोजगार के लिए पलायन कर रहा है तो भी आप सबसे ज्यादा कष्ट में हैं। मैं तो सिर्फ ढाई वर्ष से अपने घर से बाहर हैं लेकिन यहां तो बड़ी संख्या में पुरुष शादी होते ही रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। वे सिर्फ छठ या किसी कार्यक्रम पर ही घर लौट पाते हैं, वह भी कुछ दिनों के लिए। यह सिर्फ बिहार में ही संभव है कि महिलाओं को सालों तक अकेले रहना पड़े। पति को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है और बेटे को पढ़ाई के लिए अपना घर और बिहार छोड़ना पड़ता है। इसलिए पलायन का दंश सबसे बड़ा दंश है। शायद ही कोई गांव हो जहां से युवाओं ने पलायन न किया हो। गांव में 100 युवाओं में से सिर्फ 10-15 ही यहीं रह गए होंगे, बाकी लोग रोजगार या शिक्षा के लिए गांव से पलायन कर गए हैं। इसलिए महिलाओं को जागरूक होने की जरूरत है क्योंकि जब बिहार में व्यवस्था परिवर्तन होगा तो सबसे ज्यादा लाभ बिहार की महिलाओं को ही होगा।

Scan and join

darsh news whats app qr