22 महीने से बंद सुनील साह की अचानक मौत, परिजन बोले– झूठे केस में फंसा भाई मारा गया
सहरसा: मंडलकारा जेल में बंद सुनील साह (22 महीने से जेल में बंद) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया था और उसकी गला रेतकर हत्या की गई है। परिजनों के अनुसार, आज अचानक जेल प्रशासन की ओर से फोन आया कि सुनील साह की तबीयत गंभीर है और उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो मृतक की मौत हो चुकी थी। मृतक के भाई पिंटू साह का कहना है कि शव पर गला रेतने के स्पष्ट निशान थे, जिससे यह स्पष्ट रूप से हत्या का मामला प्रतीत होता है। पिंटू साह ने बताया, "मेरे भाई को झूठे रेप केस में फंसाया गया था। 22 महीने से जेल में था। आज अचानक फोन आया कि तबीयत खराब है, अस्पताल पहुंचे तो भाई की मौत हो चुकी थी और उसका गला रेता हुआ था। यह साफ हत्या है।"
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हैरानी की बात यह है कि घटना के समय मंडलकारा जेल प्रशासन का कोई अधिकारी सदर अस्पताल में मौजूद नहीं था। परिजन का आरोप है कि कई बार संपर्क करने के बावजूद जेल प्रशासन ने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा। फिलहाल, सदर थाना की पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला अब सहरसा प्रशासन और पुलिस के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। समाज में जेलों में बंद कैदियों की सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
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