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निजी और सामुदायिक संपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला..

Supreme Court's big decision regarding private and community

Breaking - हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता है और विशेष परिस्थिति में ही निजी संपत्ति का अधिग्रहण किया जा सकता है- यह फैसला आज सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच ने की है.
बताते चलें कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में काफी दिनों से सुनवाई हो रही थी और आज सुप्रीम कोर्ट ने यह बड़ा फैसला सुनाया है जिसमें यह कहा है कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता है और विशेष परिस्थिति में ही सरकार निजी संपत्ति का अधिग्रहण कर सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने आज 5 नवंबर, 2024 को निजी संपत्ति और सार्वजनिक हित पर अपना फ़ैसला सुनाया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं माना जा सकता. हालांकि, सार्वजनिक हित में निजी संपत्ति की समीक्षा की जा सकती है.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ये बातें कहीं:

सभी निजी संपत्तियों को सामुदायिक संपत्ति की तरह नहीं देखा जा सकता.

संपत्ति की स्थिति, सार्वजनिक हित में उसकी ज़रूरत, और उसकी कमी जैसे सवालों से किसी निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति का दर्जा मिल सकता है.

नीति निदेशक सिद्धांतों के मुताबिक बने कानूनों की रक्षा करने वाला संविधान का अनुच्छेद 31 (सी) सही है. 

 इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अवैध कब्ज़ा करने वालों को किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी.


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