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CM बनने का सपना तो टूट गया, नेता प्रतिपक्ष बन पाएंगे तेजस्वी या..., क्या है नियम...

The dream of becoming CM was shattered.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम काफी चौंकाने वाले रहे। शुक्रवार को जब विधानसभा चुनाव परिणाम आने लगा तभी यह साफ हो गया था कि सत्ता में NDA का आना तय है लेकिन शाम में जब परिणाम सामने आने लगे तो बेहद चौंकाने वाला परिणाम था और NDA ने 202 सीटों पर जीत हासिल की तो दूसरी तरफ महागठबंधन महज 35 सीटों पर सिमट गया। इसके साथ ही AIMIM ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की तो दूसरी तरफ BSP ने एक सीट पर कब्ज़ा जमाया। तेजस्वी यादव समेत पूरा महागठबंधन बिहार में सरकार बनने के साथ तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहे थे।

अब चुनाव परिणाम ने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने के सपने को चकनाचूर तो कर ही दिया है, उनके नेता प्रतिपक्ष बनने को लेकर भी मुश्किलें खड़ी कर दी है। बिहार विधानसभा चुनाव में नियमों के अनुसार नेता प्रतिपक्ष या विपक्षी पार्टी बनने के लिए किसी भी पार्टी को कुल सीटों की संख्या के कम से कम 10 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए। इस फ़ॉर्मूले से बिहार में वही दल विपक्षी पार्टी बन सकती है जिसके पास कम से कम 25 सीटें हो और उस दल के नेता विधायक दल ही नेता प्रतिपक्ष बन पाएंगे। 

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बिहार विधानसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने का सपना तो जरुर टूट गया लेकिन उनके लिए राहत की बात है कि वे नेता प्रतिपक्ष बनने की अर्हता को पूरा कर रहे हैं क्योंकि तेजस्वी की पार्टी राजद के कुल 25 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव में किसी भी कारण से अगर तेजस्वी की पार्टी के एक भी कम प्रत्याशी जीतते तो फिर न तो राजद बिहार विधानसभा में विपक्षी पार्टी बन पाती और न ही तेजस्वी नेता प्रतिपक्ष।

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