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सिर्फ पूजा पाठ तक सीमित नहीं रहेंगे बिहार के मठ मंदिर, धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष ने कहा...

The monasteries and temples of Bihar will not be limited to

नालंदा: बिहार धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष रणवीर नंदन बुधवार को नालंदा के बिहारशरीफ पहुंचे। बिहारशरीफ सर्किट हाउस में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि राज्य में कुल साढ़े 4 हजार मठ, मंदिर और धर्मशालाओं को सामाजिक तथा रचनात्मक कार्यों से जोड़ने की नई पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि नालंदा में 81 न्यास पंजीकृत हैं। अब राज्य के मठ और मंदिर सिर्फ पूजा पाठ तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्कि अन्य सामाजिक गतिविधियों में भी अपनी भूमिका निभाएगा। बिहार धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष रणवीर नंदन ने कहा कि हमारा लक्ष्य पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित करना है जिसके तहत प्रत्येक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान् की और अमावस्या पर भगवती की पूजा शुरू की जाएगी। मठ मंदिर अपनी क्षमता के अनुसार गरीब बच्चों की पढाई की सामग्री और कोचिंग की सुविधा प्रदान करेगी।

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दहेज़ मुक्त विवाह का आयोजन कर गरीब बच्चियों की शादी कराई जाएगी तथा मठ मंदिरों में अखाड़ा संस्कृति को बढ़ावा दिया जायेगा जिसके तहत युवाओं को एक बार फिर कुश्ती समेत अन्य खेलों के प्रति जागरूक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में पटना में आयोजित धार्मिक न्यास समागम में पूरे बिहार से 8 से 9 हजार प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने भी हमारी इस पहल की सराहना की थी। बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष रणवीर नंदन ने राजधानी पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को लेकर कहा कि यह बैठक तेजस्वी यादव और राहुल गांधी सरीखे नेताओं को बचाने का एक प्रयास है जिनका भाजपा के सामने कोई अस्तित्व नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने परिवारवाद पर भी हमला किया और कहा कि भाजपा में नेतृत्व बूथ स्तर से खड़ा होता है जबकि अन्य पार्टियों में परिवार के बाहर किसी भी प्रतिभाशाली व्यक्ति को मौका नहीं दिया जाता है। 

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नालंदा से मो महमूद आलम की रिपोर्ट


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