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आंगनबाड़ी सेविका के बेटे उज्ज्वल के BPSC टॉपर बनने तक के संघर्ष की कहानी..

The story of the struggle of Ujjwal, son of a maid, to becom

Patna -बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC )की 69वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के फाइनल हमें टॉप करने वाले उज्जवल कुमार उपकार के संघर्ष की चर्चा का हो रही है. उज्जवल कुमार फिलहाल प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर तैनात है और उनका अब चयन डीएसपी के रूप में हुआ है, उनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ है जहां उनकी मां आंगनबाड़ी केंद्र में सेविका के रूप में अभी भी काम कर रही है, पर उन्होंने अपने संघर्ष के जरिए लगातार परिश्रम कर इस मुकाम को पाने में सफलता पाई है.

 बताते चलें की टॉपर  उज्जवल कुमार उपकार सीतामढ़ी जिले के रायपुर गांव के रहने वाले हैं.उनके पिता सुबोध गांव में ही बच्चों को कोचिंग पढ़ाते हैं और मां आंगनबाड़ी सेविका हैं. उज्जवल के इस कामयाबी से परिवार के साथी आसपास के लोग भी काफी उत्साहित हैं. गांव के युवा उज्जवल की तरह ही मेहनत करके आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं.

 बीएससी में सर्वोच्च स्थान पाने से उत्साहित उज्ज्वल ने कहा कि मुझे चयनित होने पर यकीन था, लेकिन नंबर-1 रैंक पर बिल्कुल विश्वास नहीं हो रहा. उज्जवल अपने संघर्ष के दोनों को याद करते हुए बताया कि जब मैं 10वीं में पढ़ता था तो कुछ रिश्तेदार अक्सर ही कहते थे कि यह लड़का पढ़ने वाला नहीं था. जबकि मैं पढ़ने में कमजोर भी नहीं था. मैनें इंजीनियरिंग के बाद जॉब छोड़ दी, तो भी रिश्तेदारों ने हमारे माता-पिता को काफी सुनाया. लेकिन माता-पिता और भाई-बहनों ने मुझ पर विश्वास बनाए रखा.

 इससे पहले परीक्षा पास करके हुए प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के रूप में चयनित हुए थे, लेकिन अब उन्होंने बीएससी में टॉप स्थान प्राप्त किया है और उन्हें डीएसपी का रैंक मिला है.उज्वजल कुमार हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके बीपीएससी टॉपर बने हैं.


 

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