जमीनी दस्तावेजों के लिए नहीं काटने होंगे कार्यालयों के चक्कर, बिहार सरकार ने कर दी ऐसी व्यवस्था कि...
पटना: बिहार में नई सरकार बनने के बाद विकास कार्यों के साथ ही भ्रष्टाचार और अपराध पर नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। राज्य की सरकार आमलोगों को हर सुविधा आसानी से उपलब्ध करवाने की दिशा में भी तेजी से काम कर रही है। बीते कुछ दिनों में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा लगातार अधिकारियों को चेतावनी देते हुए नजर आ रहे हैं। अब भूमि एवं राजस्व विभाग ने आमलोगों को नए वर्ष में खास सुविधा देने की तैयारी कर ली है और अब इसकी घोषणा भी कर दी गई है।
विभाग ने इस बात की घोषणा की है कि अब लोगों को अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज पाने के लिए सरकारी दफ्तरों और कर्मियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे बल्कि अब सब कुछ घर बैठे उपलब्ध हो सकता है वह भी कंप्यूटर या मोबाइल के जरिये। विभाग के अनुसार नए वर्ष के पहले दिन यानि एक जनवरी को बिहार सरकार भू-अभिलेख पोर्टल की शुरुआत करेगी जिसके तहत अब लोग आसानी से अपनी जमीन के कागजात पा सकेंगे। पहले इस काम के लिए लोगों को 7 से 14 दिनों का समय लगता था इतना ही नहीं, विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए भाग दौड़ भी करनी पड़ती थी जबकि अब यह पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी।
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लोगों को ऑनलाइन सुविधा मिलने के बाद स्टाम्प शुल्क, प्रशासनिक शुल्क और अन्य कई फॉर्म भरने की प्रक्रिया से भी मुक्ति मिल जाएगी। इतना ही नहीं, अब दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध होंगे जो हर जगह कानूनन मान्य होंगे। इसके साथ ही जो दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है उसके लिए भी अनुरोध किया जा सकता है जो बाद में ऑनलाइन ही उपलब्ध कराई जाएगी। इस पोर्टल के माध्यम से लोग जमाबंदी, खेसरा, भू-मानचित्र, उत्परिवर्तन अभिलेख, पंजीकरण दस्तावेज और कर भुगतान कर सकेंगे। इससे ग्रामीण समेत शहरी क्षेत्र के लोगों को कार्यालयों का चक्कर लगाने से मुक्ति तो मिलेगी ही साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।
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