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बिहार में ले सकते हैं कश्मीर के डल झील का आनंद, कम खर्च में बिहार के इन जगहों पर कर सकते हैं NEW YEAR का स्वागत...

You can enjoy the beauty of Kashmir's Dal Lake in Bihar.

पटना: नया वर्ष 2026 महज कुछ ही घंटे के बाद शुरू हो जायेगा। नव वर्ष के आगमन को लेकर बिहार में अलग अलग जगहों पर लोग विभिन्न आयोजन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग विभिन्न पर्यटन स्थलों पर भी जाने का प्लान बना रहे हैं। इस अवसर पर बिहार में भी करीब दर्जनों ऐसे पर्यटन स्थल हैं जहाँ जा कर आप अपनी न्यू इयर सेलिब्रेट कर सकते हैं। इन जगहों पर जा कर नए वर्ष का स्वागत करना आपको हर्ष और रोमांच से भर देगा और आप कहने को मजबूर हो जायेंगे कि जब सब कुछ है तो बिहार में तो फिर क्यों जाना बाहर है। आइये हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में जहाँ आप भी अपने परिवार के साथ जा कर नये वर्ष का स्वागत कर सकते हैं।

बेगूसराय में है डल झील का नजारा

बिहार के बेगूसराय में स्थित कँवर झील पर्यटकों को काफी लुभा रहा है। यहां नौका विहार का आनंद लेते वक्त आप कश्मीर के डल झील का आनंद उठा सकते हैं। नए वर्ष के आगमन को लेकर यहां अभी से ही भीड़ जुटने लगी है तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों के साथ ही प्रशासनिक तैयारी भी पूरी कर ली गई है। यह एशिया का सबसे बड़ी शुद्ध जल का झील और पक्षी अभ्यारण्य है। जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर मंझौल में स्थित कांवर झील और इसके आसपास के इलाकों में ठंड के मौसम में 59 तरह के विदेशी और 107 तरह के देशी पक्षियों को देखने का आनंद ही कुछ और है। यहां आ कर आप अपने आप को पूरी तरह से प्रकृति की गोद में पाएंगे और सुखद अनुभव प्राप्त करेंगे। यह झील गंडक, बिया और कराह नदी के संगम से पानी खींचती है - जिला मुख्यालय बेगूसराय के 22 किमी उत्तर-पश्चिम में मांझौल के पास स्थित है। झील के चारों ओर बहुत सारी जलीय वनस्पति के साथ आसपास के वृक्ष सर्दियों के मौसम के दौरान हजारों पक्षियों को आकर्षित करते हैं। 

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वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व

बेतिया से कुछ दूर पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व भी कुछ कम नहीं है। यहां आप जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं। भारत नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व राज्य एकमात्र बाघों के लिए संरक्षित जंगल है। गंडक नदी के किनारे स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व की सीमा नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से जुडी है। यहाँ बाघ, हाथी, तेंदुआ, गौर, हिरण, और सैकड़ों पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। साथ ही गिद्ध, सांभर, और भालू भी यहाँ देखे जा सकते हैं। घने साल के जंगल, पहाड़, जलधाराएँ और विविध वनस्पति इसे जैव विविधता का धनी क्षेत्र बनाते हैं। पर्यटक यहाँ जंगल सफारी, बर्ड वॉचिंग, नेचर ट्रेल, और कैम्पिंग का आनंद ले सकते हैं। वन विभाग द्वारा ईको टूरिज्म हट्स, गाइडेड ट्रेक्स, और बोटिंग की भी व्यवस्था की जाती है। 

राजगीर

नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से कुछ दुरी पर स्थित राजगीर पर्यटकों के लिए किसी डेस्टिनेशन से कम नहीं है। यह रोमांच और आस्था का संगम वाला जगह है। यहां एक तरफ बौद्ध, हिंदू और जैन तीर्थ हैं तो दूसरी तरफ जंगल सफारी, रोप वे और गिलास ब्रिज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। राजगीर काफी पुराने समय से पर्यटन के क्षेत्र में काफी आगे है और नए वर्ष के अवसर पर अगर आप यहां आते हैं तो इसका अनुभव कभी नहीं भूलने योग्य होगा। इस अवसर पर राजगीर में लाखों की संख्या में लोग पहुँचते हैं और अपने तरीके से आनंद लेते हैं।

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पटना में कम नहीं हैं डेस्टिनेशन

राजधानी पटना अपने आप में एक एतिहासिक शहर है और नए वर्ष के स्वागत के लिए पटना में भी कई जगह हैं। एक तरफ पटना जंक्शन के बाहर स्थित महावीर मंदिर में लोगों की भारी भीड़ जुटती है तो दूसरी तरफ मरीन ड्राइव मुंबई के मरीन ड्राइव का अहसास कराता है। महावीर मंदिर हो या जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) लोगों की भारी भीड़ जुटती है और लंबी लाइन भी लगती है तो दूसरी तरफ राजधानी पटना में स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियां घर) भी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस अवसर पर हजारों लोग चिड़ियां घर पहुँचते हैं और जंगली जानवरों को देखने के साथ ही एक अलग ही सुकून में डूब जाते हैं।

गया जी

विश्व प्रसिद्ध मोक्ष स्थली गया जी भी नए वर्ष के अवसर पर पर्यटकों को कम नहीं लुभाता है। यहां का महाबोधि मंदिर आस्था का केंद्र है जहां पहुँचने मात्र से लोग शांति की अनुभूति करते हैं। यहां दर्शन करने के बाद लोग अपने आप को धन्य मानते हैं और नए वर्ष के अवसर पर महाबोधि मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए भी लोगों की भारी भीड़ जुटती है।

बिहार में अन्य डेस्टिनेशन

इन जगहों के अलावा भी बिहार में दर्जनों पर्यटक स्थल हैं जहां आप नए वर्ष के अवसर पर घूम सकते  हैं और इस अवसर को यादगार बना सकते हैं। इनमें कैमूर की पहाड़ी, वैशाली स्तूप, बांका का मंदार पर्वत, भागलपुर का विक्रमशिला विश्वविद्यालय का अवशेष, जमुई का सिमुलतला हिल स्टेशन, भीम बांध, मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर, सीतामढ़ी का पुनौरा धाम मंदिर, लखीसराय का अशोक धाम मंदिर समेत दर्जनों अन्य डेस्टिनेशन है जहां हजारों की संख्या में लोग पहुँचने लगे हैं।

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मंजेश कुमार


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