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नेपाल में भारी बवाल के बाद अंतरिम सरकार के गठन पर बनी सहमति, अंतरिम पीएम सुशीला कार्की का रहा है भारत से भी खास नाता...

पड़ोसी देश नेपाल में बीते दिनों सियासी उथलपुथल के बाद अब मामला शांत होता दिखाई दे रहा है. प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब नई अंतरिम सरकार बनाने की सहमति मिल गई है. सुशीला कार्की होंगी नेपाल की पहली महिला PM...

After a huge uproar in Nepal, a consensus was reached on the
नेपाल में भारी बवाल के बाद अंतरिम सरकार के गठन पर बनी सहमति, अंतरिम पीएम सुशीला कार्की का रहा है भार- फोटो : Darsh News

नेपाल: पड़ोसी देश नेपाल में बीते एक सप्ताह में विरोध प्रदर्शन और सियासी उठापटक के बाद अब नई सरकार गठन पर सहमति बन गई है। नई सरकार की अंतरिम प्रधानमंत्री शुक्रवार रात 9 बजे के बाद शपथग्रहण करेंगी। नेपाल की नई अंतरिम सरकार में सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है। वह अंतरिम प्रधानमंत्री होने के साथ ही नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री भी होंगी। माना जा रहा है कि नेपाल में नई सरकार के गठन के बाद विरोध प्रदर्शन की वजह से उपजे अफरातफरी का माहौल शांत होगा। शुक्रवार को पूरे दिन चली गहन चर्चा के बाद शाम में संसद भंग करने और सुशीला कार्की को नई प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर सहमति बनी जिसके बाद शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के राष्ट्रपति ने शुक्रवार शाम को बताया कि सुशीला कार्की को देश का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाये जाने पर सहमति बन गई है। अब शपथ ग्रहण की तैयारी की जा रही है।

सुशीला कार्की का रहा है भारत से गहरा नाता

नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी जाने वाली सुशीला कार्की का भारत से गहरा नाता रहा है। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स की पढाई की है साथ ही वह भारत का समर्थन करने वाली मानी जाती हैं। बीते दिनों नेपाल में फैली अशांति के बीच भी अपना नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सामने आने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा करते हुए काफी सराहना की थी। 

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रह चुकी हैं नेपाल की पहली प्रधान न्यायाधीश

नेपाल के अंतरिम सरकार और नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चयनित सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश भी रह चुकी हैं। उन्होंने 1979 में वकालत की शुरुआत की थी जिसके बाद वह जज बनी और जुलाई 2016 से जून 2017 तक नेपाल की मुख्य न्यायाधीश रहीं। उन्होंने चीफ जस्टिस रहते हुए कई ऐसे फैसले दिए जो लोकतंत्र के संरक्षक के तौर पर न्यायपालिका में मजबूत भूमिका निभाती है। उनकी छवि भ्रष्टाचार विरोधी रही है और उनकी इसी छवि का फायदा हालिया घटनाक्रम में मिल रहा है।

बता दें कि नेपाल में सरकार के द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया पर बैन लगा दिए जाने के बाद युवा वर्ग भड़क उठा और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। युवाओं का विरोध प्रदर्शन धीरे धीरे उग्र रूप लेता चला गया और प्रदर्शनकारियों ने संसद समेत कई सुरक्षित जगहों घुस कर आगजनी की। प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री समेत कई मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे कर देश छोड़ दिया। 

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