छात्र संगठन आइसा ने किया केंद्र सरकार पर हमला

आम चुनाव 2024 के परिणाम से स्पष्ट है कि देश के छात्र नौजवानों ने मोदी सरकार की शिक्षा–रोज़गार की नीतियों के खिलाफ जनादेश दिया है. चुनाव के दौरान भाजपा ने सांप्रदायिक भाषण, गलतबयानी एव अन्य हथकंडे अपना कर पुरे चुनाव से शिक्षा रोजगार के एजेंडे को गौण करने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे।ये बातें छात्र संगठन आइसा द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए *राज्य सचिव सबीर कुमार, राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम* ने कहीं. आइसा नेताओं ने आगे कहा कि पूरे चुनाव प्रधानमंत्री खुद सांप्रदायिक व छात्र–युवा विरोधी बयान देते रहे लेकिन देश के छात्र–युवाओं ने शिक्षा और रोज़गार के लिए वोट दिया. अग्निवीर जैसी भर्ती योजनाओं को समाप्त करने की मांग लोकप्रिय होकर सामने आई।नई एनडीए सरकार में शामिल जद(यू) भी अग्निवीर भर्ती योजना के खिलाफ रही है. अब सरकार का हिस्सा रहते हुए उसे इस भर्ती योजना को खत्म कराना चाहिए. पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांगों का समर्थन नीतीश कुमार स्वयं करते रहे हैं. अब पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए. सरकारी भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता एवं पेपर लीक को रोकने के लिए ठोस पहलकदमी ली जाए. हाल ही में हमने देखा कि मेडीकल प्रवेश परिक्षा में भारी धांधली सामने आई है लेकिन केंद्र सरकार मौन है।केन्द्र की नई एनडीए सरकार से आइसा ने मांग की है कि अग्निवीर भर्ती योजना को अविलंब समाप्त किया जाए।चार वर्षीय स्नातक कोर्स को वापस लिया जाए।पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए। केन्द्र के सभी रिक्त पड़े सरकारी पदों को अविलंब भरा जाए।प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रवेश निः शुल्क किया जाए।विश्वविद्यालयों में हो रही बेतहाशा फीस वृद्धि पर स्थाई रोक लगाई जाए।पेपर लीक के मामलों पर ठोस कदम उठाए जाएं व सभी परीक्षाओं की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बने।सरकारी शिक्षा व रोजगार देने वाले उपक्रमों के निजीकरण पर अविलंब रोक लगे।बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की गारंटी की जाए।देश के सभी विश्वविद्यालयों में छात्र संघ के चुनाव नियमित कराए जाएं।इन मांगों पर जोर देते हुए आइसा ने कहा है कि शिक्षा – रोज़गार के जरूरी सवालों को केंद्र की एनडीए सरकार अविलंब हल करे वरना आने वाले दिनों में देशव्यापी छात्र–युवा आंदोलन खड़ा होगा।