रूठे चिराग जा सकते हैं प्रशांत किशोर के साथ! अपनी बात पर अड़े तो दौड़े दौड़े मनाने पहुंचे भाजपा नेता...
बिहार चुनाव को लेकर NDA में जदयू भाजपा के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर तो बात बन गई है लेकिन सहयोगी चिराग और मांझी की पार्टी ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है. दोनों ही अपने हिसाब से अधिक सीटों की मांग पर अड़े हैं. खबर आ रही है कि चिराग PK के साथ...

पटना: बिहार में इस समय सियासी पारा काफी चढ़ा हुआ है। विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तो पहले से तेज थी लेकिन तारीखों की घोषणा के बाद अब यह चरम पर पहुँच गया है। NDA और महागठबंधन दोनों ही तरफ से एक से दो दिनों में सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर लगाये जाने की बात कही जा रही है लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि NDA में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और जीतन राम मांझी दोनों ही नाराज चल रहे हैं। हालांकि भाजपा दोनों ही नेताओं को मनाने की कोशिश में जुटी हुई है।
अपनी मांग पर अड़े हैं चिराग, मनाने पहुंचे भाजपा नेता
बताया जा रहा है कि भाजपा और जदयू ने सीट शेयरिंग के फार्मूला पर अपनी सहमति दे दी है लेकिन सहयोगी दल मानने के लिए तैयार नहीं हैं। एक तरफ जहां मांझी कम से कम 15 सीटों की मांग पर अड़े हैं तो दूसरी तरफ चिराग पासवान भी 50 सीटों की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा ने चिराग पासवान को 25 सीटें ऑफर की है जबकि उनकी मांग 40 से 50 सीटों की है। चिराग पासवान विगत लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए दिखा रहे हैं कि उनकी पार्टी ने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल कर 100 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट दिया है तो विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें चाहिए। नाराज चिराग पासवान को मनाने के लिए मंगलवार को बिहार चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान, बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े और मंत्री मंगल पांडेय उनके आवास पर भी पहुंचे।
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जा सकते हैं PK के साथ, लेकिन यह है अड़चन
एक निजी टीवी चैनल की मानें तो चिराग की पार्टी लोजपा(रा) के सूत्रों से खबर आ रही है कि अगर NDA में चिराग को कम से कम सीटें नहीं दी जाती है तो फिर वे NDA से किनारा भी कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान प्रशांत किशोर के जन सुराज के साथ गठबंधन कर तीसरा मोर्चा भी बना सकते हैं। सूत्रों की मानें तो चिराग का मानना है कि उनके पास राज्य के सभी विधानसभा सीटों पर 20 से 25 हजार के लगभग वोट बैंक है और अगर वे NDA से अलग होते हैं तो उसे बड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो चिराग ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि लोकसभा चुनाव में उनका 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट भाजपा के साथ रहने की वजह से रहा है और इसमें भाजपा और जदयू के वोट भी उन्हें मिले थे। बता दें कि विभिन्न मुद्दों पर चिराग पासवान और प्रशांत किशोर अक्सर एक दूसरे का समर्थन भी करते दिखते रहे हैं इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि अगर चिराग की बात NDA में नहीं बनी तो वे जन सुराज के साथ तीसरा मोर्चा बना कर नुकसान पहुँचाने की कोशिश भी कर सकते हैं।
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