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बिहार में कुत्ता, ट्रैक्टर, मोबाइल के बाद अब कार के नाम पर निवास प्रमाण पत्र आवेदन, तस्वीर में फ़िल्मी पोस्टर...

सरकारी कर्मचारी अपने कारनामों को लेकर इनदिनों काफ़ी सुर्खियों में है। इसी कड़ी में नालंदा के चंडी से भी RTPS कर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आया है। जिससे RTPS पोर्टल की विश्वसनीयता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।

Bihar mein kutta, tractor, mobile ke baad ab car ke naam par
कार के नाम पर निवास प्रमाण पत्र आवेदन- फोटो : Darsh News

Nalanda : बिहार के सरकारी कर्मचारी अपने कारनामों को लेकर इनदिनों काफ़ी सुर्खियों में है। इसी कड़ी में नालंदा के चंडी से भी RTPS कर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आया है। जिससे RTPS पोर्टल की विश्वसनीयता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। वहीं कुछ दिन पहले डॉग बाबू, ट्रैक्टर और मोबाइल के नाम से जारी निवास प्रमाण पत्र के बाद अब नालंदा जिला के चंडी अंचल कार्यालय में एक कार के फोटो के साथ निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है। जिसमें तस्वीर पर कार की जगह फ़िल्मी पोस्टर लगी है। इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि पोर्टल पर दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं। 


कर्मियों ने बताया कि, 17 जुलाई को एक युवती के नाम से आवेदन संख्या BRCCO/2025/16281179 दर्ज किया गया था, जिसमें अपलोड दस्तावेज़ के स्थान पर एक कार की तस्वीर लगी हुई थी। आवेदन में पता गांव- कोरुत, वार्ड संख्या- 14, पोस्ट- गुंजरचक, प्रखंड- चंडी, अंचल- चंडी, जिला- नालंदा अंकित है।

अंचल कार्यालय के कर्मियों को जब आवेदन की जांच के दौरान अनियमितता का पता चला, तो अंचलाधिकारी द्वारा तुरंत वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए चंडी थाने में इस बाबत आवेदन दिया गया, जिस पर थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज की। उन्होंने बताया कि, अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध IPC की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले भी RTPS पोर्टल पर इस तरह के फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके है। जिनमें जानवरों या अजीबोगरीब नामों से प्रमाण पत्र जारी हो चुके हैं। ऐसे मामलों से न केवल शासन की किरकिरी होती है बल्कि असली लाभुकों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हाल के दिनों में ऐसे कई फर्जी आवेदन RTPS पोर्टल पर देखे गए हैं, जो कहीं न कहीं तकनीकी निगरानी की कमजोरियों और कर्मचारियों की लापरवाही को उजागर करते हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते है।



नालंदा से मो. महमूद आलम की रिपोर्ट

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