बिहार में मृत लोगों के नाम अभी भी वोटर लिस्ट में मौजूद, जीवित लोग गायब... BLO साहेब को खोज रही जनता...
हद तो तब है इनमें से एक साल पहले ही मृत्यु हो चुका दूसरा 13 साल पहले ही मृत्यु हो चुका है लेकिन आज भी मौजूद हैं। उनका नाम वोटर लिस्ट में आज भी मौजूद है। वहीं मुखिया, जिप सदस्य निर्विरोध चुनाव जीते फिर भी नाम नहीं है।

Araria : मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 का ड्राफ्ट सूची प्रकाशित किया गया हैं सरकार ने कितना काम किया है ये दर्शाता है इसमें दो नाम है एक रिजवान खान TFS0843011.उनका मृत्यु पिछले साल हुआ था, दूसरी TFS0865063 .जिनका मृत्यु 13 साल पहले हुआ था ये दोनों का मृतक है फिर ये ड्राफ्ट सूची में इनका नाम कैसे आ गया।
फारबिसगंज विधानसभा क्षेत्र के भाग कोहलिया पंचायत में गए तो यहां के जो पूर्व मुखिया का चुनाव भी लड़े मो मोहिउद्दीन जो मुखिया का चुनाव भी लड़े लेकिन इसका वोटर लिस्ट में नाम तो है लेकिन इन से प्रूफ की मांग किया गया पत्नी मुस्तारा बेग़म चुनाव लड़ी लेकिन इनका नाम ही नहीं है तो वही पैक्स सदस्य निर्विरोध जीते हुए प्रत्याशी का भी नाम और उनके परिवार का नाम नहीं है वोटर लिस्ट से नाम ही गायब है जनता BLO को खोज रहे हैं Blo गायब हैं पंचायत भवन में जनता अपना नाम जुड़ाने के लिए व्याकुल है लेकिन साहेब ही गायब है।
बता दें कि, मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर लगातार सवाल उठ रहा है। मृतकों के नाम भी विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची को लेकर प्रकाशित प्रारूप में कई ऐसे मतदाताओं को शमिल किया गया है, जो एक दशक पहले ही मर चुके हैं। फारबिसगंज के भागकोहलिया पंचायत के मतदाता सूची में दो ऐसे लोगों का नाम है। जिसकी मौत दस साल पहले हो गई।रिजवान खान की 13 साल पहले मौत हो गई।वहीं जलीना खातून की भी मौत दस साल पहले हुई, लेकिन दोनों मृतकों का नाम एसआईआर के बाद प्रकाशित मतदाता सूची प्रारूप में शामिल है।दोनों मृतकों के नाम आने को लेकर बीएलओ के द्वारा किए गए पुनरीक्षण कार्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
अररिया से अरुण कुमार की एक रिपोर्ट
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