बिहार में शिक्षक के तबादले पर स्कूली बच्चों के साथ-साथ रो दिया पूरा गांव...
सुगौली नगर के पवरिया टोला गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय पवरिया टोला उर्दू सरकारी स्कूल में करीब सात वर्ष रहे एक प्रधानाध्यापक मधुरेंद्र कुमार के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों की आंखें नम नजर आईं।

Motihari : सुगौली नगर के पवरिया टोला गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय पवरिया टोला उर्दू सरकारी स्कूल में करीब सात वर्ष रहे एक प्रधानाध्यापक मधुरेंद्र कुमार के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों की आंखें नम नजर आईं। पूर्व प्रधानाध्यापक मधुरेन्द्र कुमार ने बताया कि शिक्षक का दर्जा माता-पिता से भी ऊपर है। शिक्षक बच्चों के भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच एक अनूठा रिश्ता बन जाता है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक और छात्र का रिश्ता बेहद अनमोल होता है। वह छात्र के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करता है। स्कूल से लेकर कॉलेज और भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए उसे तैयार करता है, ताकि एक दिन जब वह अपने करियर की ऊंचाइयों पर पहुंचे, तो उसे देखकर गर्व महसूस हो। बीस सूत्री सदस्य मोहम्मद शाबीर ने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, अपने उज्जवल भविष्य और उन्नति के लिए बच्चे आगे का सफर तय कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों की सफलता, उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम आशा करते हैं कि सभी बच्चे अनुशासन में रहते हुए लगातार उन्नति करेंगे और विद्यालय का नाम रोशन करेंगे। लेकिन जब ऐसे शिक्षक की विदाई का समय आता है, तो छात्रों के आंसू थमने का नाम नहीं लेते। ऐसा ही एक भावुक दृश्य नगर के पवरिया टोला गांव के एक सरकारी उर्दू स्कूल में देखने को मिला। जहां बच्चे और उनके अभिभावक प्रधानाध्यापक की विदाई होते देख बिलख-बिलख कर रो रहे थे। बच्चे फूट-फूट कर अपने प्रधानाध्यापक के लिए रो रहें थें। जिससे देख बच्चों के अभिभावक भी अपने नमः आंखों को रोक नहीं पाये। थोड़ी देर के लिए सभी के आंखों से आंशु के तेज धारें बहने लगे।
मोतिहारी से प्रशांत कुमार की रिपोर्ट