मतदान करने शहरबन्नी पहुंचे चिराग, चाचा और उनके परिवार से दूरियां मिटाने को लेकर कही बड़ी बात....
मतदान करने शहरबन्नी पहुंचे चिराग, चाचा और उनके परिवार से दूरियां मिटाने को लेकर कही बड़ी बात....
खगड़िया: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए अपने पैतृक गांव पहुंचे। खगड़िया में अलौली विधानसभा के शहरबन्नी में पहुंच कर मतदान किया। मतदान के बाद चिराग ने मीडिया से बात करते हुए अपने चाचा पशुपति पारस और चचेरे भाइयों के संबंध में बात करते हुए भावुक हो उठे और पारस के बेटे के उम्मीदवारी को लेकर भी बात की। चिराग पासवान ने कहा कि मैं अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए आया हूं। मुझे पता है कि यहां मेरे परिवार का सबसे छोटा सदस्य और भाई भी उम्मीदवार है लेकिन मैं यहां अपने गठबंधन धर्म का पालन करने आया हूँ, अपने परिवार की लड़ाई में उलझने के लिए नहीं।
चिराग पासवान ने कहा कि मुझे पता है कि यहां से मेरे परिवार का सबसे छोटा भाई भी उम्मीदवार है। वह छोटा भाई जो सबसे अधिक बदतमीज भी है। उसने मेरी मां को अपमानित करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने मेरी मां के साथ बदतमीजी करने के साथ ही मेरे बारे में बहुत गलत बातें बोली। परिवार के छोटे सदस्य होने के बावजूद मुझे नहीं लगता है कि मैं उन्हें कभी माफ़ कर पाउँगा। दूरियां बनाने वाले भी मेरे चाचा और उनके बेटे ही रहे हैं। आज एक घर में बीच में दीवार खड़ी कर दी। उन्हें अगर यह दूरियां कम ही करनी थी, या आज जो वे कहते हैं कि मेरे साथ भाई का आशीर्वाद है तो वे वहां मेरी मां थी उससे आशीर्वाद लेने जाते।
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चिराग ने कहा कि आज मैं जानता हूं कि वे राजनीति में फायदा के लिए कुछ भी बोल दें लेकिन अलौली की जनता जानती है कि जिस तरह से मेरे पिता के पीठ में उनलोगों ने खंजर भोंका, उनके परिवार को सड़क पर फेंका, परिवार को अलग किया आज अलौली की जनता इन लोगों को ध्यान में रख कर ही मतदान करेंगे। चिराग ने झुकने पर माफ़ करने के सवाल पर कहा कि ये मेरे चाचा के ऊपर है। उन्होंने ही परिवार तोड़ा है, आज हमारा परिवार एक होता अगर वे नहीं तोड़े होते तो। जिस तरह से उनकी तरफ से यह प्रयास कभी नहीं दिखा और आपलोगों के कैमरे पर जिस तरह से उनके जवाब होता था कि सूरज पश्चिम से उगेगा लेकिन चिराग से समझौता नहीं होगा। रही बात हमारी पीढ़ी की तो छोटे ने जिस तरह से मेरी मां को अपमानित किया ये बात कम से कम मैं नहीं भूल पाउँगा।
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