NDA की अहम बैठक से पहले अमित शाह से क्यों मिले चिराग पासवान?


Edited By : Darsh
Monday, July 17, 2023 at 05:24:00 PM GMT+05:30लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में सियासत तेज है. 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी एकता की दूसरी बैठक होनी है तो दूसरी तरफ दिल्ली में NDA के घटक दलों की अहम बैठक है. NDA की बैठक में शामिल होने के लिए चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से बुलावा आया है. चिराग के चाचा और राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस पहले से NDA का हिस्सा हैं. NDA की अहम बैठक से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे.
चिराग ने 6-1 के फोर्मुले के तहत बीजेपी के सामने अपनी डिमांड रखी है. 6-1 फोर्मुले का मतलब है 6 लोकसभा सीट और 1 राज्यसभा सीट. उनके इस फोर्मुले पर पुष्टि की मुहर बाकी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि शाह से मुलाकात के दौरान चिराग ने एक बार फिर अपनी मांगों को रखा है. साथ ही चिराग अपने चाचा पशुपति पारस के बयानों से काफी आहत हैं. अमित शाह से उनकी मुलाकात के थोड़ी देर बाद ही पारस गुट की वैशाली से सांसद वीणा देवी चिराग से मिलने पहुंची.
चिराग और पारस आमने-सामने
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस में लोकसभा सीट को लेकर तनातनी चल रही है. पशुपति पारस ने कहा है कि वो हाजीपुर सीट से ही 2024 में चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने ये भी कहा है कि उनकी और चिराग पासवान की पार्टी का मिलना मुमकिन नहीं है. इससे पहले चिराग ने भी हाजीपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. माना जा रहा है कि चिराग ने आज अमित शाह से मुलाकात के दौरान इन बातों का भी जिक्र किया.
गौरतलब है कि जमुई के सांसद चिराग पासवान ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU के खिलाफ बगावत की थी. उन्होंने BJP को अपनी सरकार बनाने में मदद करने का संकल्प लिया था, लेकिन जब बीजेपी ने उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दिया तो चिराग का पार्टी से मोहभंग हो गया. चाचा-भतीजे में विवाद के बाद पार्टी के विभाजन को मान्यता दी गई थी.