'डॉक्टर समय पर मौजूद रहते, तो मेरी पत्नी और बच्चा दोनों की जान बच सकती थी', सदर अस्पताल बना मौत का घर...
कटिहार सदर अस्पताल एक बार फिर लापरवाही के कारण सवालों के घेरे में है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बस मरीज के मरीजों ने जमकर हंगामा किया।

Katihar : कटिहार सदर अस्पताल एक बार फिर लापरवाही के कारण सवालों के घेरे में है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बस मरीज के मरीजों ने जमकर हंगामा किया। जानकारी के मुताबिक फल्का प्रखंड के नरहैया गांव की रहने वाली लीवी कुमारी (24 वर्ष) को प्रसव पीड़ा होने पर समेली उपस्वास्थ केंद्र से रेफर कर कटिहार सदर अस्पताल लाया गया। परिजनों का आरोप है कि उस समय अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। नर्सों ने अपने स्तर से इलाज की कोशिश की, लेकिन तब तक लीवी की मौत हो गई।
मृतका के पति विजय कुमार का आरोप है कि “अगर डॉक्टर समय पर मौजूद रहते, तो मेरी पत्नी और बच्चा दोनों की जान बच सकती थी।” गुस्साए परिजनों ने शव को अस्पताल गेट पर रखकर घंटों हंगामा किया। मामला बढ़ने पर पुलिस ने हस्तक्षेप किया और कार्रवाई का आश्वासन देकर पोस्टमार्टम कराया।
वही मृतिका के परिजन धर्मेंद्र कुमार और आशा रुक्मणि देवी ने बताया कि मरीज जिस समय अस्पताल आया था अच्छा था लेकिन थोड़ी देर में पता चला कि मौत हो गई है जिससे लापरवाही उजागर होती है,मामले के बाद अस्पताल की डीएस आशा शरण से भी मिले और इस घटना की शिकायत कराई है।
इधर, घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। राजद युवा महासचिव आशु पांडे ने कहा कि कटिहार सदर अस्पताल लापरवाही का गढ़ बन चुका है। यहां इलाज नहीं, सिर्फ मौत मिलती है। विधायक और सांसद कुर्सी बचाने में लगे हैं, जनता भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।
अस्पताल प्रशासन जांच की बात कह पल्ला झाड़ रही है।
इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को उजागर कर दिया है। सवाल उठ रहा है कि जब सदर अस्पताल में ही डॉक्टर नदारद मिलें और जच्चा-बच्चा की मौत हो जाए, तो सरकार की योजनाओं और भाषणों का क्या अर्थ रह जाता है।
ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए दर्श न्यूज़ के साथ, यह भी पढ़े :