डॉ पिंटू मिश्रा को मिला सर्वहित लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025, राष्ट्रीय गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन
डॉ पिंटू मिश्रा को मिला सर्वहित लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025, राष्ट्रीय गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन

मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के अटल बिहारी ऑडिटोरियम में रविवार को सर्वहित कल्याण सेवा समिति (रजि) के तत्त्वावधान में एक भव्य राष्ट्रीय गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के विद्वानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को उनके क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में सुषमा स्वराज सम्मान के साथ-साथ सर्वहित लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025 भी प्रदान किए गए। बता दें कि इस मौके पर 10 विख्यात विद्वानों को अवार्ड से सम्मानित किया गया, जिनमें मेरठ के प्रसिद्ध कवि गंभीर, साहित्यकार मुकेश तिवारी, और स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स विभाग के डीन और प्रोफेसर डॉ पिंटू मिश्रा प्रमुख थे। डॉ मिश्रा को यह सम्मान फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में उनके निरंतर समर्पण और विशेष योगदान के लिए दिया गया। उनकी कला-संस्कृति को समृद्ध करने की लगन और शिक्षण में नेतृत्व ने उन्हें इस सम्मान के योग्य बनाया। डॉ मिश्रा न केवल मेरठ में ही वरन पूरे देश में चित्रकला के क्षेत्र में अग्रणी नाम हैं।
समारोह में गौ सेवा समिति उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्याम बिहारी तथा समाजसेविका और पर्यावरण संपादक डॉ मधु वत्स मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सम्मानितों को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्वानों और कलाकारों को सम्मानित कर समाज में उनकी महत्ता को स्थापित करते हैं। उन्होंने शिक्षा, कला और सामाजिक चेतना के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि युवा पीढ़ी को इनके योगदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के सदस्य एवं महाराष्ट्र सरकार के पूर्व सलाहकार डॉ अफरोज़ अहमद ने भी अपनी उपस्थिति और योगदान से कार्यक्रम को प्रभावशाली बनाया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही समाज में स्थायी बदलाव आ सकता है।
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और समाजसेवियों की भी भारी उपस्थिति रही। यह आयोजन विद्वान और सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना को बढ़ावा देने में सफल रहा। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें सभी ने मिलकर भारत की एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का संकल्प लिया।