आस्था के साथ हुआ इंजीनियरिंग का मेल, CM नीतीश ने पुनपुन सस्पेंशन ब्रिज के जरिए पर्यटन, व्यापार और आस्था को जोड़ा
ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले की तर्ज पर बना बिहार का पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज, CM नीतीश ने किया उद्घाटन। पुनपुन नदी पर सीएम नीतीश ने खोला पहला केबल ब्रिज, गंगा–यमुना परंपरा, होगा लक्ष्मण झूले का अहसास! पर्यटन, व्यापार और आस्था…

सीएम नीतीश ने पुनपुन सस्पेंशन ब्रिज के जरिए तीनों को जोड़ा! पुनपुन के तर्पण घाट हुए करीब! सीएम बोले, आस्था के साथ हुआ इंजीनियरिंग का मेल। 83 करोड़ की लागत से जनता को समर्पित हुआ बिहार की इंजीनियरिंग का मील का पत्थर!
पटना: बिहार की धरती पर अब ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले जैसा नजारा दिखने वाला है। पटना से सटे पुनपुन में 320 मीटर लंबा आधुनिक केबल सस्पेंशन ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अनोखे ब्रिज का उद्घाटन किया और इसे आम लोगों के लिए खोल दिया। इस पुल के शुरू हो जाने से पुनपुन पिंडदान स्थल आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी। साथ ही पुनपुन शहर के लोगों को व्यापार और रोज़मर्रा की गतिविधियों में भी बड़ा सहारा मिलेगा। यह बिहार का पहला हल्के वाहनों के लिए बना केबल सस्पेंशन ब्रिज है।
ये खासियत इसे बनाती हैं खास
- पुल की कुल लंबाई 320 मीटर है
- सस्पेंशन डेक 120 मीटर लंबा है
- पुल को संभालने वाली स्टील की 18 मजबूत केबलें हैं
- पाईलॉन की ऊंचाई 100 फीट रखी गई है
- संपर्क पथ 135 मीटर और डक्ट की लंबाई 200 मीटर है
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46 करोड़ से शुरू होकर 83 करोड़ में तैयार
इस पुल का निर्माण कार्य 31 अगस्त 2019 को शुरू हुआ था। शुरुआती लागत 46 करोड़ 77 लाख रुपये तय हुई थी, लेकिन समय के साथ बढ़कर लगभग 83 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। अब तकरीबन 99 फीसद काम पूरा हो चुका है और उद्घाटन के साथ ही इसे जनता के लिए खोल दिया गया।
लोगों को होगा सीधा फायदा
इस पुल के बनने से पुनपुन के पिंडदान स्थल तक पहुंचना पहले से कहीं आसान हो गया है। श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। वहीं व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, “बिहार की विकास यात्रा में यह पुल एक नया मील का पत्थर है। यह सिर्फ इंजीनियरिंग का कमाल नहीं, बल्कि लोगों की सुविधा और विकास का भी प्रतीक है।”
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