राजगीर का चप्पा चप्पा है NDA सरकार के विकास गाथा का प्रतीक, मंत्री सुनील कुमार ने...
पर्यावरण मंत्री डॉ सुनील कुमार ने किया ग्लास ब्रिज और जू सफारी का भ्रमण. राजगीर का चप्पा-चप्पा एनडीए सरकार की विकास गाथा का प्रतीक- मंत्री

नालंदा: बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने शनिवार को नालंदा स्थित राजगीर के ग्लास ब्रिज और जू सफारी का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजगीर का चप्पा-चप्पा एनडीए सरकार की विकास गाथा का प्रतीक है। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि बिहार ने पिछले कुछ वर्षों में जिस प्रकार से पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को जोड़कर विकास की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल है। डॉ सुनील कुमार ने सफारी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में देशभर से आए प्रख्यात चिकित्सकों का स्वागत किया और उन्हें राजगीर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक धरोहर से अवगत कराया।
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उन्होंने कहा कि बिहार सरकार लगातार पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है, और राजगीर जू सफारी इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। यहां बाघ, शेर, तेंदुआ, भालू और हिरण जैसे वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक वातावरण में संरक्षित किया गया है। मंत्री ने कहा कि राजगीर जू सफारी एशिया का पहला जू सफारी है, जो न केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है। इसका निर्माण इस दृष्टिकोण से किया गया है, कि पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा सके। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, आर्थिक गतिविधियों का विस्तार और वैश्विक स्तर पर राजगीर की पहचान और मजबूत हुई है।
ग्लास ब्रिज का जिक्र करते हुए डॉ सुनील कुमार ने कहा कि यह आधुनिक तकनीक और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल रोमांच का अनुभव करते हैं, बल्कि आसपास की पर्वतीय श्रृंखलाओं और हरियाली से भी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने इसे सुरक्षित और आकर्षक बनाने में विशेष ध्यान दिया है, जिससे यह देश-विदेश के पर्यटकों का केंद्र बन गया है। डॉ सुनील कुमार ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि राजगीर का महत्व केवल पर्यटन तक सीमित नहीं है। यह स्थल बौद्ध, जैन और मगध साम्राज्य की गौरवशाली परंपरा से भी जुड़ा हुआ है।
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