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बेटे के शव को एंबुलेंस के बदले रिक्शे पर लादकर ले गये पिता, खुली स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल

Father took away his son's body on a rickshaw instead of an

बिहार के मुंगेर जिले में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजनों को 32 साल के शख्स का शव रिक्शा से ले जाना पड़ा. इस दौरान मृतक के परिजनों ने मुंगेर सदर अस्पताल में जमकर बवाल काटा. लेकिन, गरीब का भला कौन सुने. दरअसल, पूरा मामला वासुदेवपुर ओपी थाना क्षेत्र का है जहां के दो नंबर गुमटी पुअर हाउस के महादलित बस्ती का निवासी परदेशी नामक युवक छत से नीचे गिर गया. जिसके बाद आनन-फानन में परिजनों ने उसे मुंगेर सदर अस्पताल लाया. सदर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने देखा तो उसे मृत घोषित कर दिया. तब परिजनों ने डाक्टरों पर  आरोप लगाते हुए बताया कि, डाक्टर ने चेक नहीं किया और मृत घोषित कर दिया. 

वहीं परिजनों ने मृतक के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की. सदर अस्पताल से लगभग 2 घंटे तक एंबुलेंस नहीं आने पर मृतक के परिजनों ने जमकर बवाल काटा. आखिरकार में रिक्शा से ही शव को अपने घर ले गए. मृतक परदेशी गरीब तबके का व्यक्ति था और एक-डेढ़ साल पूर्व उसकी शादी हुई थी. अभी-अभी परदेशी को एक बेटी हुई थी. आखिरकार उस मृतक की पत्नी और नवजात बच्ची का लालन-पोषण कैसे होगा भगवान ही जाने.

मृतक के पिता नागों मांझी ने कहा कि, मेरा बेटा अपने छत पर सोया हुआ था और छत का रेलिंग नहीं था जो सरकार के द्वारा हम लोगों को मिला है लेकिन उसका रख-रखाव काफी जर्जर है. मेरा बेटा उस छत से गिरा तभी हमलोग आनन-फानन में सदर अस्पताल लाये लेकिन डॉक्टर ने अच्छे से इलाज नहीं किया. हम गरीब हैं और गरीब का कौन सुनता है और हमरा बेटा को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. उसके बाद अस्पताल से एम्बुलेंस मांगा गया तो अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि, एम्बुलेंस आ रही है. 2 घंटे से ऊपर हो गया लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई. जिसके बाद उसके शव को रिक्शे पर लादकर लाया.

वहीं, इस मामले के बाद अब सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. बता दें कि, स्वास्थ्य विभाग पर जब इस बात की सूद लेने डॉक्टरों से बात करनी चाही तो ड्यूटी पर जो डाक्टर थे, वह अपने आपको कतराते दिखे और जबाब नहीं दिए. बता दें, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की तस्वीर सामने आई है. इससे पहले भी कई बार बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल चुकी है. इसी क्रम में अब मुंगेर में भी सदर अस्पताल की पोल खुल गई है. 

मुंगेर से मनीष कुमार की रिपोर्ट 

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