'स्पंदन' में भारतीय संस्कृति से ऑपरेशन सिंदूर तक..., तीन दिवसीय महोत्सव में दिखी 'विविधता में एकता' की झलक
'स्पंदन-2025' का रंगारंग समापन, सुभारती में प्रतिभाओं ने बिखेरी चमक। सुभारती विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय महोत्सव संपन्न, 650 से अधिक छात्रों ने दिखाई प्रतिभा। स्पंदन' की धुन पर झूमा सुभारती, मंच पर दिखी 'विविधता में एकता' की झलक

ऑपरेशन सिंदूर से लेकर क्लीन सुभारती तक, 'स्पंदन' में गूंजे समसामयिक विषय
मेरठ: स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में तीन दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक एवं खेल महोत्सव स्पंदन- 2025 का समापन रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ। स्पंदन 205 के अंतिम दिन विश्वविद्यालय परिसर में अवस्थित मांगल्य प्रेक्षागृह में लगभग ढाई हजार विद्यार्थियों की उपस्थिति में विभिन्न प्रतियोगियों की प्रस्तुति अद्भूत रही। इन प्रस्तुतियों की मुक्त कंठ से सराहना उपस्थित सभी अतिथियों ने की। इस समापन कार्यक्रम में आयोजित एकल नृत्य (सोलो डांस) व समूह नृत्य(ग्रुप डांस) प्रतियोगिता में मेरठ के प्रसिद्ध भरतनाट्यम गुरू रूपम, अंजना भारद्वाज, एवं सौम्या गौर, प्रो (डॉ) मोनिका मेहरोत्रा व स्वेता सिंह निर्णायक के रूप में तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव ग्रुप कैप्टन एम याकूब (सेनि) विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहे।
स्पंदन 2025 के समापन कार्यक्रम में बोलते हुए सुभारती विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति की अध्यक्षा प्रो (डॉ) भावना ग्रोवर ने कहा कि वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव स्पंदन 2025 विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रतिभाओं को सामने लेकर आया है। इस दौरान सभी प्रतियोगिताएं समसामयिक विषयों पर आधारित रहीं इनमें चाहे वह नुक्कड़ नाटक का विषय ऑपरेशन सिंदूर हो या मिमिक्री का सेव वाटर, ग्रुप डांस की लोक नृत्य विधा हो या समूह गायन की राष्ट्रीयता की थीम, फैशन शो का इंडियन फेस्टिवल हो या पोस्टर मेकिंग का क्लीन सुभारती ग्रीन सुभारती विषय। इन सभी प्रतियोगताओं में संपूर्ण विश्वविद्यालय से साढे छः सौ से अधिक प्रतिभागियों की प्रतिभागिता ये दर्शाती है कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में न केवल किताबी ज्ञान दिया जाता है बल्कि यहां पर विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास भी किया जाता है।
इस वर्ष तीन दिन में सांस्कृतिक समिति द्वारा कुत चौदह प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। जिसमें विश्वविद्यालय के प्रत्येक प्रतिभावान छात्र को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त हुआ। छात्र-छात्राओं का जोश अपने देश की विविधता में एकता की बहुरंगी संस्कृति के प्रति देखने योग्य था। सुभारती अपने छात्र-छात्राओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ना चाहता है इसीलिए इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर पूरे वर्ष होते रहते हैं, जिससे छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ता है तथा वह एक दूसरे से मेलजोल भी बढ़ा पाते हैं। इन्हीं प्रतिभावान बच्चों में से चुनकर जब हम प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों को सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भेजते हैं तो वह देश-विदेश में मेरठ का नाम रोशन करते हैं और विश्वविद्यालय का नाम रौशन करते हैं।
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इस दौरान जहां एकल नृत्य प्रतियोगिता में केरल वर्मा सुभारती विज्ञान संकाय की विद्यार्थी हर्षी प्रथम स्थान पर रहीं तो सुभारती शिक्षा संकाय की छात्रा इतिशा शर्मा दूसरे एवं नंदलाल बोस सुभारती ललित कला संकाय के छात्र अर्पित मिश्रा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इनके अतिरिक्त जिन विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों की तालियां बटोरीं उनमें पत्रकारिता विभाग की मनीषा कुमारी, मेघा वर्मा, सुभारती इंजिनियरिंग संकाय से अदिति, फिजियोथेरैपी से दिव्यांशी चौधरी,लिबरल आर्टस विभाग से नाबिहा हैदर, विधि संकाय से जाहिरा हसन तथा सृष्टि और निधि सक्सेना का मनमोहक एकल प्रदर्शन आदि रहे। एकल नृत्य प्रतियोगिता का संयोजन डॉ ज्योति मधुर एवं सोनल जैन ने किया।
वहीं लिबरल आर्ट्स विभाग की सहायक आचार्या डॉ अमृता चौधरी के संयोजन में आयोजित ग्रुप डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर सुभारती पॉलिटेकनिक कॉलेज की रही। इसी प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर सुभारती फिजियोथैरेपी व तीसरे स्थान पर सुभारती इंजिनियंरिंग संकाय की टीम रही। इसके अतिरिक्त मासकॉम विभाग की टीम लिबरल आर्टस की टीम सांइस कॉलेज की टीम का भी प्रदर्शन प्रशंसनीय रहा।
इस कार्यक्रम के अतिथियों को सुभारती ललित कला संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो (डॉ) पिंटू मिश्रा, सुभारती नैचुरोपैथी एवं यौगिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो (डॉ) अभयशंकर गौड़ा, पॉलिटेकनिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुभाष चंद्र तिवारी, ललित कला संकाय से डॉ निशि चौहान, कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग से डॉ सरताज अहमद आदि के द्वारा पादप एवं प्रति चिह्न भेंट किया गया। इस दौरान डॉ मनोज कपिल, डॉ श्रवण गर्ग, राम प्रकाश तिवारी, डॉ किरण बंसल, डॉ रूबी, शैली शर्मा, स्वाति शर्मा, तरुण जैन, अर्पणा कांबोज, डॉ रिजूल रंजन, डॉ शशिराज तेवतिया, डॉ दुर्वेश पुंडीर, जतिन, अंशुल चौधरी आदि उपस्थित रहे।
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