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बिहार के इस जिले में दुर्गा मां के बायीं आंख की होती है पूजा, जानिए चमत्कारी काजल का लाभ

In this district of Bihar, the left eye of Goddess Durga is

देश के 52 शक्तिपीठों में मुंगेर का चंडिका स्थान भी शामिल है. नवरात्र के पहली पुजा से ही यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. मुंगेर-खगड़िया एप्रोच पथ बनने से खगड़िया और बेगूसराय जिला के श्रद्धालु नवरात्रि में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. मान्‍यता है कि, यहां देवी सती का नेत्र गिरा था. इसके बाद यहां मंदिर की स्थापना हुई थी. शक्तिपीठ में मां की बाई आंख की पूजा की जाती है. मंदिर के प्रधान पुजारी नंदन बाबा ने बताया कि, यहां अंग प्रदेश के राजा कर्ण हर दिन सवा मन सोना दान करते थे. महाभारतकाल में इसका वर्णन भी है.

सुबह 4 बजे शुरू हो जाती है मंदिर में पूजा 

नवरात्र के दौरान सुबह चार बजे से ही माता की पूजा शुरू हो जाती है. संध्या में विशेष पूजन होता है. नवरात्र अष्टमी के दिन यहां खास पूजा होती है. इस दिन माता का भव्य श्रृंगार किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि, यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामना मां पूर्ण करती हैं. मुंगेर ही नहीं बल्‍क‍ि बिहार और भारत के अलग-अलग कोने से भी यहां श्रद्धालु आते हैं. मां चंडिका देवी के भक्‍त विदेशों में भी हैं. दुर्गा पूजा के अवसर पर वे भी यहां आते हैं.

नवरात्रि में बढ़ जाती है भीड़

नवरात्र का पहला पूजा और यहां का माहौल पूरी तरह भक्तिमय है. नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ अन्य दिनों की तुलना में कई गुना ज्यादा होती है. उन्होंने कहा कि, मुंगेर-खगड़िया जिला का एप्रोच पथ जब से बना है तब से नवरात्र में  गंगा पार खगड़िया, बेगूसराय जिला के श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं ने बताया कि, मां शक्तिपीठ चंडिका स्थान का बहुत बड़ा महत्व है और कई सालो से मां की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. मां से जो भी मांगते हैं मां पूरी करती है.

क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी 

वहीं, इस मंदिर के पुजारी कहते हैं कि, इस मंदिर का खास महत्व है कि मां के गर्भ गृह के अंदर काजल निकलता है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है. जिस भी व्यक्ति को आंखों की कोई भी समस्या है, इस काजल को लगाने से उनकी आंखों की प्रॉब्लम दूर हो जाती है. यहां तक कि जिसे मोतियाबिंद की बीमारी है वह मां का काजल लगाने से उसे उस बीमारी से मुक्ति मिल जाती है और यही कारण यहां जो भी श्रद्धालु आते है वह मां का काजल जरूर ले जाते हैं.

9 दिन होती है 9 रूपों की पूजा 

नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के मौके पर सुबह से ही मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. जहां, मुंगेर में भी मां के भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है. शक्तिपीठ चंडिका स्थान में मां का पट खुलते ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. श्रद्धालु सुबह से ही मुंगेर के विभिन्न गंगा घाटों में स्नान करके और जल लेकर मां के दरबार पहुंच रहे हैं और जल चढ़ा रहे हैं. नवरात्रि में शक्तिपीठ चंडी स्थान में भक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला पुलिस द्वारा मंदिर के प्रांगण में पुलिस बल की तैनाती जगह-जगह की गई है. मंदिर के मुख्य पुजारी कहते हैं कि, नवरात्रि शुरू हो गया है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पहली पूजा की गई है. सुबह में पूजा के बाद मंदिर के पट खोल दिए गए हैं. पुजारी ने कहा कि, नवरात्र में मां चंडिका की विशेष पूजा होती है. बहुत श्रद्धा पूर्वक भक्त 9 दिन मंदिर प्रांगण में आकर दुर्गा पाठ और दुर्गा सप्तशती आदि की पाठ करते हैं. नवरात्रि में दूर-दराज से लोग भारी संख्या में पहुंचकर मां का दर्शन करने और पूजा करने आते हैं. वहीं, श्रद्धालुओं ने कहा कि, नवरात्रि को लेकर मंदिर प्रांगण में जिला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े.

मुंगेर से मनीष कुमार की रिपोर्ट 

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