इन 6 कारणों से लगातार दूसरी बार WTC फाइनल हार गई टीम इंडिया


Edited By : Darsh
Monday, June 12, 2023 at 05:40:00 PM GMT+05:30भारतीय टीम लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हार गई. इस बार ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया. और बुरी तरह हराया, 209 रन से. आश्चर्य की बात ये है कि पिछले 10 सालों में भारतीय टीम 8 ICC टूर्नामेंट के नॉकआउट में पहुंची, इनमें चार फाइनल खेले, लेकिन एक भी ख़िताब नहीं जीत सकी.
इस लेख में हम उन कारणों को जानेंगे, जिनकी वजह से लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की ट्रॉफी टीम इंडिया के हाथों में नहीं आ सकी.
1. आईपीएल के बाद तैयारी का टाइम नहीं था
भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तैयारी करने का काफी कम टाइम मिला. हमारे खिलाड़ी आईपीएल खेलकर सीधे इंग्लैंड पहुंचे और कुछ तो आईपीएल फाइनल खेलने के बाद सीधे इंग्लैंड पहुंचे और एक हफ्ते से भी कम समय में खिताबी मुकाबला खेलने उतर गए. यही नहीं इस अहम मैच से पहले टीम इंडिया को प्रैक्टिस मैच खेलने तक का मौका नहीं मिला.
इसका असर खिताबी मुकाबले में देखने को मिला. टीम इंडिया के बल्लेबाज इंग्लिश कंडीशन को समझ नहीं सके.
कई बार ऐसा देखने को मिला है कि टीम इंडिया ओवरसीज कंडीशन में ख़राब स्टार्ट करती है लेकिन बाद में दमदार वापसी करती है. ऐसा हमने 2-3 सालों में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में देखा है.
मैच के बाद भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने WTC फाइनल की टाइमिंग और वेन्यू पर सवाल उठाए थे. रोहित ने कहा था कि WTC फाइनल की टाइमिंग सही नहीं थी.
2. 4 बेस्ट प्लेयर्स नहीं खेले
भारतीय टीम फाइनल मुकाबला खेलने अपनी फुल स्ट्रेंथ के साथ नहीं उतरी. टीम के 4 बेस्ट प्लेयर मौजूद नहीं थे. केएल राहुल, मिडिल ऑर्डर बैटर श्रेयस अय्यर, विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत, और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह यह मैच नहीं खेल रहे थे. अय्यर, राहुल और बुमराह इंजर्ड हैं, जबकि पंत कार एक्सीडेंट से रिकवरी कर रहे हैं. फाइनल मुकाबले में चारों की कमी खली.
3. रणनीति और प्लानिंग, थिंक टैंक भी कमजोर
लंदन के द ओवल में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम की रणनीति ठीक नहीं रही. टीम का थिंक टैंक भी कमजोर दिखा. टॉस के दौरान कप्तान रोहित शर्मा पिच कंडीशन को भांप नहीं सके और पहले बॉलिंग करने का फैसला ले लिया. ओवल में धूप खिलते ही पिच का मिजाज बदला और मैच की परिस्थितियां भी बदल गईं. पिच पर घास होने के बाद भी कम स्विंग कर रही थी. ऐसे में ऑस्ट्रेलियन बैटर्स ने खूब रन लूटे और पहली पारी में 469 रन बना दिए.
4. टीम सेलेक्शन
फाइनल मुकाबले में रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के टीम सेलेक्शन पर भी सवाल उठ रहे हैं. रोहित शर्मा चार तेज गेंदबाज और एक स्पिन ऑलराउंडर के साथ उतरे. उन्होंने रविचंद्रन अश्विन को बाहर बिठा दिया, जबकि रवीन्द्र जडेजा बतौर स्पिन ऑलराउंडर उतरे. अश्विन मौजूदा समय में दुनिया के नंबर-1 गेंदबाज हैं, यही नहीं चैंपियनशिप के मौजूदा साइकिल के टॉप विकेटटेकर की सूचि में तीसरे नंबर पर हैं. अश्विन को नजरंदाज करना टीम इंडिया को भारी पड़ा.
5. स्मिथ-हेड की पार्टनरशिप
पहली पारी में स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने चौथे विकेट के लिए 285 रनों की साझेदारी की. इस पार्टनरशिप ने मैच में अंतर पैदा कर दिया. इसी साझेदारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 450 + का स्कोर खड़ा कर दिया. भारतीय टीम पूरे मुकाबले में बड़े स्कोर के दबाव से ही नहीं उबर सकी.
6. ऑस्ट्रेलिया की तैयारी भारतियों से बेहतर
ऑस्ट्रेलियाई टीम की तैयारी भारतियों से बेहतर थी. कंगारू टीम के खिलाड़ी कुछ महीने पहले ही इस मुकाबले की तैयारी शुरू कर चुके थे. कप्तान पैट कमिंस सहित आधे से ज्यादा खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में ही इंग्लैंड जैसी पिच बनाकर अभ्यास करते रहे.. जबकि स्टीव स्मिथ, मार्नस लैबुशेन, और मार्कस हैरिस ने काउंटी के दौरान इंग्लैंड की पिचों पर बैटिंग का अभ्यास किया. इस मुकाबले के चलते ऑस्ट्रेलियाई टीम के 13 खिलाड़ियों ने आईपीएल से भी किनारा कर लिया था.
खैर अब तो भारतीय टीम हार गई लेकिन आगे वनडे वर्ल्ड कप है, जो कि भारत में ही खेला जाना है. यहां भारत के पास ट्रॉफी जीतने का सुनहरा मौका है. देखते हैं इसमें क्या होता है ? दोस्तों, आपके अनुसार WTC फाइनल में भारत की हार का मेन रीज़न क्या था ? कमेन्ट करके जरुर बताएं.