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नालंदा में अंतरराष्ट्रीय साहित्य महाकुंभ, राजगीर में फेस्टिवल का आगाज़

International Literature Mahakumbh in Nalanda, Festival begi

नालंदा: राजगीर अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर में 21 से 25 दिसंबर तक आयोजित होने वाले लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत हो गई है। इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने किया। पांच दिनों तक चलने वाला यह आयोजन साहित्य और संस्कृति को नए आयाम देने का काम करेगा। इस कार्यक्रम में भारत के साथ-साथ कई देशों के साहित्यकार, लेखक और विद्वान शामिल हुए हैं।

यह फेस्टिवल भाषा, साहित्य, संस्कृति, इतिहास और ज्ञान के विविध रूपों को सामने लाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। आयोजन का मुख्य फोकस तीन विषयों—लेगेसी, लैंग्वेज और लिटरेचर पर है। कार्यक्रम में विभिन्न साहित्यिक कृतियों पर चर्चा, कला प्रदर्शन, संवाद सत्र और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को साहित्य और संस्कृति से जोड़ना, ज्ञान का विस्तार करना और भारतीय विरासत को मजबूत बनाना है।

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उद्घाटन कार्यक्रम में राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा कि ऐसे आयोजनों से देश की सांस्कृतिक शक्ति को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को बुद्ध की विचारधारा दी है, युद्ध नहीं। उन्होंने लिटरेचर फेस्टिवल को सांस्कृतिक सौहार्द से जोड़ते हुए कहा कि इस मंच से प्रेम, शांति और ज्ञान का संदेश प्रसारित होता है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि साहित्य की चर्चा सिर्फ मंचों पर नहीं, बल्कि विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साहित्यिक संवाद से विचारों का आदान-प्रदान बढ़ता है और ज्ञान की समझ और गहरी होती है। यह लिटरेचर फेस्टिवल नालंदा की ऐतिहासिक पहचान और बौद्धिक विरासत को आगे बढ़ाने का एक बड़ा अवसर माना जा रहा है। यहां होने वाली चर्चाएं और कार्यक्रम समाज और युवा वर्ग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ेंगे।

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