रामलीला मैदान से एक तस्वीर सामने आई जिससे आने वाले दिनों की परिस्थिति देखी गई है : झामुमो

राम राज कहने वाले लोग अब किस दानवी रूप से सांमने आरही है । पहली घटना आदिवासी अल्पसंख्यक और दलित कैसे प्रधानमंत्री को पंसद नहीं है उसकी तस्वीर सामने आई है.कई परिस्थितियों में राष्ट्रपति राष्ट्रीय सम्मान सम्मानित लोगों तक पहुंये.इसी में एक भारत रत्न का पुरस्कार देने राष्ट्रपति लाल कृष्ण आडवाणी को दिया गया।
इस दौरान आडवाणी जी के बगल में मोदी जी बैठे हुए थे.इस दौरान जब सम्मान दिया जा रहा था तब मोदी जी बैठे दिखे और राष्ट्रपति खड़ी थी। यह कोई नई बात नहीं है, जब संसद भवन का शिलान्यास और उद्घाटन में भी तो उन्हें दूर रखा गया था। यह लोग आदिवासी दलित विरोधी है.यह कोई छोटी घटना नहीं है.यह एक बड़ा अपमान है।
दिल्ली में जब विपक्षी एकता की रैली हुई तो वहां से हुंकार भरी गई कैसे इनके अहंकार को खत्म किया जाए.अब देश का कोना कोना बदलाव खोज रहा है.अब कोई भी दल समझौता नहीं करने वाला है.देश अब समझ चुका है,चुनाव बदलवा के मुद्दे पर होने वाला है।