मुझे बस लालू यादव से मिलवा दीजिये नहीं तो मैं..., टिकट कटने से नाराज नेता कपड़ा फाड़ लेट गए सड़क पर और लगाया ये गंभीर आरोप....
मुझे बस लालू यादव से मिलवा दीजिये नहीं तो मैं..., टिकट कटने से नाराज नेता कपड़ा फाड़ लेट गए सड़क पर और लगाया ये गंभीर आरोप....

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में अब तक सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी है। सभी पार्टियां अपने हिसाब से उम्मीदवारों को टिकट दे कर मैदान में उतारने में लगी हुई है। कई दावेदारों का टिकट कटने से बगावती सुर भी सुनने को मिल रहा है। इसी कड़ी में राजद के एक नेता पार्टी सुप्रीमो लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे और जब उन्हें नहीं मिलने दिया गया तो वे सड़क पर ही लोटने लगे और रोने लगे। फूट फूट कर रोते हुए राजद नेता बस एक ही रट लगाते हुए दिखे कि मुझे हर हाल में लालू जी से मिलना है।
राजद नेता एवं 2020 में मधुबन सीट से राजद की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके मदन साह का इस बार टिकट कट गया है। टिकट कटने के बाद वे रविवार को राबड़ी आवास पहुंच गए और लालू यादव से मुलाकात करने की जिद पर अड़ गए। इस दौरान उनका कपडा भी फट गया लेकिन वे बस एक ही जिद पर अड़े थे कि लालू यादव को वे अपना अभिभावक मानते हैं और उनसे मिले बगैर नहीं जायेंगे। राजद नेता मदन साह ने कहा कि 2020 में उन्हें जब लालू जी ने टिकट दिया था तो वहां पार्टी का मात्र 30 हजार वोट है जबकि मुझे 70 हजार वोट मिले थे। उन्होंने पार्टी पर टिकट के लिए पैसे मांगने का भी आरोप लगाया।
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मदन साह ने कहा कि इस बार उनसे टिकट के लिए 2 करोड़ 70 लाख रूपये की मांग की गई और जब उन्होंने देने में असमर्थता दिखाई तो फिर टिकट उस संतोष कुशवाहा को दे दिया गया जिसने उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में हराया था। मदन साह ने आरोप लगाया कि अगर 2020 में संतोष कुशवाहा उनका विरोध नहीं करते तो फिर वे जीत दर्ज करते लेकिन मात्र 2700 वोट से हार गए थे वह भी पार्टी के कार्यकर्ता के विरोध की वजह से।
राजद नेता मदन साह ने कहा कि जिस तरह से लालू यादव ने कभी पार्टी नहीं बदली उसी तरह से मैंने भी कभी पार्टी नहीं बदला। हमेशा ही लालू यादव के सिद्धांतों पर रहा और जमीनी स्तर पर काम किया। हमने जमीनी स्तर पर राजद को स्थापित किया है जबकि जिसे टिकट दिया गया वह घर से भी निकलता है, बस रूपये दे कर उसने टिकट खरीद लिया है। मदन साह राबड़ी आवास के बाहर बैठ गए और कहा कि जब तक उनकी मुलाकात लालू यादव से नहीं हो जाती है तब तक वे कहीं नहीं जायेंगे।
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