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कारगिल में शहीद जवान मनीष का नवादा के पैतृक गांव में अंतिम संस्कार

Last rites of Kargil martyr Manish in his native village in

Nawada:- जम्मू कश्मीर के कारगिल में शहीद हुए नवादा के बेटे मनीष कुमार का उनके पैतृक गांव कौवाकोल प्रखंड के पांडेगंगोट गांव शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया, सेना की टुकड़ी ने सलामी देकर शहीद को अंतिम विदाई दी. शहीद मनीष के छोटा भाई सनी कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी.


शनिवार को उनका पार्थिव शरीर जैसे ही पुलिस लाइन नवादा से निकला तो बड़ी संख्या में युवा बाइक और गाड़ियों के साथ पहुंचे. उनके शव की यात्रा करीब 40 किलोमीटर तक चलकर घर पहुंची. परिजनों व अन्य लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए. इस दौरान परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. सेना की टुकड़ी ने फायर दागकर अंतिम सलामी दी. बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. 

शहीद की पत्नी खुशबू कुमारी ने कहा कि पति की शहादत पर गर्व है. मैं भी सेना में नौकरी करना चाहती हूं और देश की सेवा करना चाहती हूं. वहीं, माता ने कहा कि बेटे ने दूध की लाज रखी है.

बताते चलें कि शहीद मनीष कुमार 2018 में सेना में बहाल हुए थे और 6 मार्च 2025 को ही शहीद मनीष का विवाह हुआ था. वे जम्मू कश्मीर के कारगिल में रक्षक ऑपरेशन में तैनात थे.14 मई को सुबह 7:15 बजे उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल के आकस्मिक वार्ड में लाया गया. चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 


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