ज्ञान भवन में मखाना महोत्सव -2025: संस्कृति और नवाचार का संगम, बिहार की संस्कृति से विश्व बाजार तक का सफर
ज्ञान भवन में मखाना महोत्सव -2025: संस्कृति और नवाचार का संगम। सुपरफूड के रूप में वैश्विक पहचान बना रहा है बिहार का मखाना। बिहार की संस्कृति से विश्व बाजार तक का सफर

पटना: बिहार का गौरव, मखाना अब राष्ट्रीय और वैश्विक पहचान बना चुका है। उद्यान निदेशालय, बिहार द्वारा मखाना महोत्सव - 2025 का आयोजन आगामी 04 और 05 अक्टूबर को पटना स्थित ज्ञान भवन में किया जाएगा। इस अवसर पर मखाना से जुड़े किसान, प्रसंस्करण इकाइयों के संचालक, स्टार्ट-अप उद्यमी, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, शोधकर्ता और नीति-निर्माता एक साझा मंच पर एकत्र होंगे। उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार ने बताया कि मखाना बिहार की सामाजिक एवं सांस्कृतिक परम्परा का अभिन्न हिस्सा रहा है। आधुनिक युग में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता ने मखाना को सुपरफूड का दर्जा दिलाया है। यही कारण है कि मखाना महोत्सव का महत्व निरंतर बढ़ रहा है। इस वर्ष के महोत्सव में मखाना यांत्रिकरण, बी2बी सम्मेलन, एपीडा द्वारा निर्यात सहयोग, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इससे मखाना व्यवसाय से जुड़े हितधारकों को नए अवसर प्राप्त होंगे और बाजार विस्तार में सहूलियत होगी।
मखाना विकास योजना के परिणामस्वरूप विगत दशक में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। मखाना आच्छादित रकबा में 171 प्रतिशत तथा मखाना पॉप उत्पादन में 152 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इसके अतिरिक्त बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) और बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज (BIIPP) जैसी योजनाओं से मखाना उद्योग को नई दिशा मिली है। निदेशक उद्यान ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मखाना की मांग लगातार बढ़ रही है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए बिहार के युवाओं और महिलाओं ने अनेक स्टार्ट-अप एवं लघु उद्योग प्रारंभ किए हैं। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि बिहार का नाम भी वैश्विक बाजार में स्थापित हुआ है। हाल ही में मखाना बोर्ड की अधिसूचना ने इस क्षेत्र में नई ऊर्जा और संभावनाएँ पैदा की हैं।
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उन्होंने कहा कि मखाना महोत्सव - 2025 किसानों, उद्यमियों और उपभोक्ताओं सभी के लिए रोमांचक और शिक्षाप्रद होगा। इसमें सहभागीजन मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, निर्यात और विपणन से संबंधित नई तकनीक और अवसरों से परिचित होंगे। निदेशक उद्यान ने बिहारवासियों से अपील की कि वे इस महोत्सव में बड़ी संख्या में भाग लेकर बिहार के इस गौरव को और मजबूत करें।
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