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बिहार में इन लोगों को नीतीश सरकार दे रही 10 से 25 एकड़ तक मुफ्त जमीन, पढ़ें पूरी खबर...

मुफ्त ज़मीन और आकर्षक सब्सिडी के साथ बिहार सरकार का औद्योगिक क्रांति का रोडमैप। 100 करोड़ या उससे अधिक निवेश करने वालों को 10-25 एकड़ मुफ्त भूमि, 40 करोड़ तक ब्याज और 30% पूंजीगत सब्सिडी का लाभ; स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता

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बिहार में इन लोगों को नीतीश सरकार दे रही 10 से 25 एकड़ तक मुफ्त जमीन, पढ़ें पूरी खबर...- फोटो : Darsh News

जीएसटी रिफंड, बिजली में छूट और स्टार्टअप—MSME के लिए भी विशेष सहूलियत; नई नीति बिहार को पूर्वी भारत का औद्योगिक केंद्र बनाएगी

पटना: बिहार सरकार की नई औद्योगिक नीति, मुफ्त ज़मीन और भारी सब्सिडी के साथ, राज्य को पूर्वी भारत का औद्योगिक केंद्र बनाने के लक्ष्य की ओऱ तेज़ी से बढ़ रही है। निवेशकों के लिए यह रोडमैप न सिर्फ़ आर्थिक प्रोत्साहन देता है, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोज़गार में प्राथमिकता देकर सामाजिक बदलाव की नींव भी रखता है।

मुफ्त ज़मीन और निवेश पर फायदा

नीतीश सरकार  बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025' (BIPPP-2025)  के तहत 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली और 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक भूमि निशुल्क आवंटित की जाएगी। 1000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 25 एकड़ तक भूमि निशुल्क आवंटित की जाएगी।  इससे पूंजीगत निवेश को स्थानीय स्तर पर आकर्षित किया जा सकेगा—औद्योगिक इकाइयों की संख्या बढ़ेगी, नए प्रोजेक्ट्स को त्वरित अनुमति मिलेगी। इसके साथ ही, 40 करोड़ रुपये तक के ब्याज पर छूट और कुल पूंजीगत व्यय का 30% तक सब्सिडी देने की व्यवस्था है।

स्थानीय युवाओं को मौका

बिहार की कुल जनसंख्या में युवा वर्ग की हिस्सेदारी लगभग 35% है, जिनमें से अधिकतर अभी तक औपचारिक रोजगार से वंचित हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस नई नीति के कार्यान्वयन से अनुमानित 5 लाख से अधिक युवाओं को प्रतिवर्ष प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जिसमें कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से स्किल्ड और अनस्किल्ड दोनों श्रेणियों के युवा शामिल होंगे। इससे प्रदेश में बेरोजगारी दर  में कमी आएगी और युवा वर्ग को स्थिर रोजगार तथा बेहतर जीवन स्तर प्राप्त होगा।

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माइग्रेशन को रोकने से न केवल ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण इलाकों का सामाजिक ढांचा मजबूत होगा, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी दबाव कम होगा, जिससे शहरी अवसंरचना बेहतर तरीके से विकसित हो सकेगी। स्थानीय रोजगार के विस्तार से घरेलू उपभोग और निवेश में वृद्धि होगी, जिससे कुल सामाजिक और आर्थिक समृद्धि को बल मिलेगा। इस प्रकार, सरकार की यह पहल न केवल युवाओं के जीवन में सुधार लाएगी, बल्कि बिहार को सामाजिक स्थिरता और सतत विकास की दिशा में अग्रसर करेगी।

MSME और स्टार्टअप को बढ़ावा

माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) को भी सरकार ने कई सहूलियतें दी हैं। नई औद्योगिक नीति के मुताबिक GST रिफंड, बिजली दरों में छूट और स्टार्टअप्स के लिए फास्ट–ट्रैक अप्रूवल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे छोटे कारोबारियों को भी ग्रोथ का मौका मिलेगा और ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में उद्यमिता का माहौल मजबूत होगा।

पूर्वी भारत में नेतृत्व की ओर

बिहार की नई नीति राष्ट्रीय स्तर के उद्देश्यों के अनुरूप—इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, क्लस्टर डेवलपमेंट आदि की दिशा में काम कर रही है। सरकार का यह रोडमैप राज्य को पूर्वी भारत का औद्योगिक हब बनाने का रोडमैप है, जिससे न सिर्फ निवेश; बल्कि बेहतर रोज़गार, सामाजिक बदलाव और आर्थिक समृद्धि की नींव मजबूत होगी।

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