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नीतीश कुमार की सरकार ने बदल दी महिलाओं की तकदीर, नीतीश कुमार की नीतियों ने बदली आधी आबादी की तस्वीर

सशक्त महिला, सशक्त बिहार, नीतीश कुमार की नीतियों ने बदली आधी आबादी की तस्वीर। महिला रोजगार योजना बनी सशक्तिकरण की राह, बिहार की महिलाओं की बदलती दुनिया। सहायता से समृद्धि तक, महिला रोजगार योजना ने महिलाओं को दी पहचान और समाज में नई भूमिका

Nitish Kumar's government changed the fate of women
नीतीश कुमार की सरकार ने बदल दी महिलाओं की तकदीर, नीतीश कुमार की नीतियों ने बदली आधी आबादी की तस्वीर- फोटो : Darsh News

 पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह योजना हम महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का दरवाज़ा खोल रही है। यह कहना है मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज प्रखंड की निर्मली देवी का। निर्मली बताती हैं कि उन्हें मिली 10 हजार की सहायता राशि से वे गाय पालन का कार्य शुरू करेंगी और गांव की अन्य महिलाओं को भी इस उद्यम से जोड़कर आर्थिक सहयोग देंगी। वर्तमान में सरकार की जीविका टीम से जुड़ी निर्मली देवी का विश्वास है कि यह योजना गांव की महिलाओं को नए अवसर दिलाने का माध्यम बनेगी।

"मशरूम व्यवसाय से शुरू हुई मेरी यात्रा अब दाल उद्यम तक पहुंचेगी।"

 नालंदा जिले के अनंतपुर गांव की अनीता देवी इस योजना को लेकर बेहद उत्साहित हैं। वे बताती हैं कि इस राशि से अरहर, मसूर, मूंग जैसी दालों के व्यापार की दिशा में कदम बढ़ाएंगी। उनका मानना है कि इस योजना से न केवल उनकी तरक्की होगी, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी।

वहीं मुंगेर जिले के शंकरपुर गांव की निशा देवी 10 हजार की सहायता राशि से फैशन बुटीक खोलने जा रही हैं। उनका कहना है कि उनके बुटीक खोलने से अब गांव की महिलाओं को डिजाइनर कपड़ों के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा।  अभी वे अपने परिवार के साथ स्टेशनरी की दुकान चलाती हैं और उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की यह योजना महिला उद्यमिता को नई गति दे रही है।

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ऐतिहासिक निर्णय और भविष्य की राह

आज का दिन बिहार और बिहार की महिलाओं के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि आज मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य की 75 लाख महिलाओं के खाते में सीधे 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए। यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा गेमचेंजर साबित हो रही है, जिसमें महिलाओं को स्वरोजगार के लिए शुरुआती पूंजी और बाद में व्यवसाय के विकास के आधार पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलने का प्रावधान है। यह पहल बिहार में महिला उद्यमिता और आत्मनिर्भरता का एक ऐतिहासिक अध्याय दर्ज कर रही है। अब महिलाएं अपने गांव-अपने शहर में ही रोजगार सृजित कर सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन की अग्रदूत बनेंगी।

इस योजना ने बिहार की महिलाओं के बीच नया उत्साह और आत्मविश्वास भरा है। पहली किस्त मिलने के बाद कई महिलाओं ने बताया—"अब अपने गांव में ही व्यवसाय शुरू कर दूसरों को भी रोजगार देने का सपना साकार कर पाएंगे।" यह पहल राज्य के सामाजिक और आर्थिक बदलाव की बुनियाद रख रही है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना आज बिहार में महिला सशक्तिकरण का चेहरा बन गई है—रोजगार, प्रशिक्षण, आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक उन्नयन का एक सुंदर और प्रेरणादायी उदाहरण।

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