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अब सरकारी पदाधिकारी या कर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बाद नहीं ले सकेंगे वापस, हो सकती है कार्रवाई

Now after filing a complaint against a government official o

बिहार के सरकारी पदाधिकारियों और कर्मियों से जुड़ी जरुरी खबर सामने आ गई है. दरअसल, अब से यदि कोई भी व्यक्ति सरकारी पदाधिकारी या कर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे वापस लेना चाहते हैं, तो वह ऐसा नहीं कर पायेंगे. किसी मामले को लेकर अगर एक बार शिकायत दायर कर दी जायेगी तो फिर उसे वापस नहीं ले पायेंगे. इतना ही नहीं, ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. किसी भी सरकारी लोक सेवक के खिलाफ शपथ-पत्र के साथ की गई कोई शिकायत अब किसी भी परिस्थिती में वापस लेना संभव नहीं होगा.

शिकायत करने पर नहीं होगा वापस

जानकारी के मुताबिक, यह आदेश सभी निगरानी समेत किसी भी विभाग या जिला स्तर पर की गई शिकायत पर लागू होगी. वहीं, ऐसा करने के पीछे का कारण यह बताया गया है कि, कई बार यह देखा जाता है कि कुछ लोग पहले किसी लोक सेवक के खिलाफ शिकायत करते हैं. फिर कुछ समय बाद इस शिकायत पत्र को यह कहते हुए वापस ले लेते हैं कि यह शपथ-पत्र बहकावे में भेज दिया था या किसी दुर्भावना से प्रेरित था. कई बार तो कुछ मामलों यह भी देखा गया है कि, पदाधिकारियों पर बेवजह दवाब बनाने के लिए भी ऐसा किया जाता है. जिसको देखते हुए विभाग के स्तर से यह आदेश जारी किया गया है.

निगरानी विभाग ने जारी किया आदेश

इस मामले से जुड़ा आदेश निगरानी विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख से लेकर डीएम, एसपी समेत अन्य को जारी कर दिया है. इस पत्र में सभी महकमों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए इसका पालन करने के लिए कहा गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि, जून 2005 में मुख्य सचिव के स्तर से लोक सेवकों के खिलाफ प्राप्त किसी बेनामी या छद्म नाम से शिकायत पत्रों पर कार्रवाई करने को लेकर मार्गदर्शन जारी किया गया था. यह भी कहा गया है कि, निगरानी विभाग में खासतौर से यह देखा जाता है कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और आम जनता की तरफ से सरकारी सेवकों के खिलाफ शिकायत-पत्र प्राप्त होते हैं. इसमें नियम के अनुसार कार्रवाई की जाती है लेकिन जांच में अधिकांश मामले फर्जी पाए जाते हैं या शिकायतकर्ता आगे चलकर इसे वापस ले लेते हैं. इसके साथ ही  दूसरा शपथ-पत्र दायर कर पहले वाले को रद्द करने या आधारहीन आरोप लगाने की बात कहते हैं. जिसके बाद अब यह आदेश जारी कर दिया गया है.

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