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अब इस जिले में भी वादियों का मजा ले सकेंगे पर्यटक, जल्द मिलने वाली है रोपवे की सुविधा

Now tourists will be able to enjoy the valleys in this distr

बिहार के पर्यटक स्थलों पर सरकार के द्वारा खास ध्यान रखा जा रहा है. पर्यटकों को लुभाने की मंशा से कई तरह की सुविधाएं लाई जा रही है. ऐसे में एक और फैसला लिया गया है. दरअसल, जहानाबाद जिले को पर्यटकों के लिए और भी ज्यादा डेवलप किया जा रहा है. खबर है कि, जिले में स्थित ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल बराबर में आने वाले सैलानियों को रोपवे की सुविधा मिलेगी. पहाड़ के ऊपर से लोग बराबर की वादियों के साथ-साथ फल्गु नदी के मनोरम दृश्य को भी देख पायेंगे. जिस तरह से काम किया जा रहा है, उसे देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि, इसी साल के जून तक काम पूरा हो जाएगा और लोग इसका लुत्फ उठा पायेंगे.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

वहीं, रोपवे की सुविधा मिलने के बाद जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की बात कही जा रही है. वहीं, रोपवे बन जाने के बाद वैसे लोग जो पैदल पहाड़ पर चढ़ नहीं सकते हैं, वे भी अब बराबर की वादियों को देख सकेंगे. साथ ही साथ सिद्धेश्वर नाथ का दर्शन और पूजन कर सकेंगे. फिलहाल तो श्रद्धालु सीढ़ी के रास्ते या पहाड़ के रास्ते किसी तरह से जाते हैं. वहीं, रोपवे का निर्माण होने से ट्रॉली में बैठकर एक साथ आराम से 8 से 10 लोग जा सकेंगे. जानकारी के मुताबिक, करीब 22 करोड़ की लागत से दो एलाइनमेंट में पर्यटकों के लिए रोपवे का निर्माण हो रहा है. पहला पातालगंगा से बन रहा है जिसकी लंबाई 986.21 मीटर होगी और दूसरा हथियाबोर से होगा, जिसकी लंबाई 1196.624 मीटर है. दोनों एलाइनमेंट बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर के ठीक पहलेवाली पहाड़ी पर एक जगह मिल जाएगा. 

वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल करने की मांग

वहीं, बराबर की प्राचीन गुफाओं को लेकर यह भी कहा रहा है कि, बराबर महोत्सव में प्रभारी मंत्री ने बराबर की प्राचीन गुफाओं को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया था, ताकि इसका विकास तेजी से हो सके. लेकिन, अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी. यदि यह वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल हो जाता है तो धार्मिक एवं ऐतिहासिक धरोहर बराबर जिले के लोगों के लिए गौरव की बात होगी. यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी. इसी के हिसाब से सड़कें और अन्य सुविधाएं बहाल होंगी.

पौराणिक कहानी है प्रचलित

कहा जाता है कि, मौर्यकाल में ये गुफाएं काफी ज्यादा प्रचलित थी. अशोक के शासनकाल के दौरान आजीविका संप्रदाय के तपस्वियों के लिए बराबर पहाड़ियों में गुफाओं की खुदाई की थी. इन्हें सतघरवा के नाम से जाना जाता है. यहां सम्राट अशोक के शिलालेख को भी देखा जा सकता है. बता दें कि, बराबर पहाड़ियां जिले के मखदुमपुर प्रखंड से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित हैं. एक कहानी यह भी प्रचलित है कि, वाणासुर नामक राक्षस भगवान भोलेनाथ का बड़ा भक्त था. उसने बराबर पहाड़ी पर शिवलिंग की स्थापना की थी. तब से ही पूजा अर्चना होती आ रही है. बाद में सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. पहाड़ पर स्थित मंदिर में जाने के लिए पतालगंगा से सीढ़ी बनी हुई है. 

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