कल से शुरू होगा पितृपक्ष मेला, तैयारियों को लेकर डीएम एसएसपी ने अधिकारियों को क्या ब्रीफ...
विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला की तैयारी पूरी कर ली गई है. मेला क्षेत्र को 17 सुपर जोन, 43 जोन और 324 सेक्टर में बांटा गया है. सभी जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो...

गया जी: पितृपक्ष मेला के अवसर पर देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से आज पितृपक्ष मेला में प्रतिनियुक्ति सभी दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारी, सुपर जोनल, जोनल, सेक्टर पदाधिकारी, महिला दंडा अधिकारी, सभी पदाधिकारी के साथ महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र बोधगया में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में ब्रीफिंग की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला 06 सितंबर से प्रारंभ होकर 21 सितंबर तक चलेगा। इस बीच लाखों लाख तीर्थयात्री गया जिला में आकर विष्णुपद देवघाट सहित अन्य वेदी स्थल में तर्पण करते हैं। पितृपक्ष मेला अवधि में तीर्थ यात्रियों को विधि व्यवस्था, यातायात व्यवस्था तथा अन्य आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है। पूरे मेला क्षेत्र में 17 सुपर ज़ोन, 43 जोन एव 324 सेक्टर में बाँटते हुए सभी सेक्टर में पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, महिला दंडाधिकारी, महिला पुलिस पदाधिकारी एवं पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाए गए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि 06 सितंबर को गोदावरी तालाब में तर्पण किया जाएगा, इसके पश्चात उक्त तिथि से लेकर 21 सितंबर तक विभिन्न सरोवरों एवं पिंड वेदियों में तर्पण अनुष्ठान किया जाएगा। सभी दंडाधिकारी को निर्देश दिया कि पूरे अच्छी तरीके से निर्गत जॉइंट ऑर्डर को पढ़कर अपने दायित्व एवं ड्यूटी स्थान को जान लें। सभी प्रतिनियुक्ति पदाधिकारी पूरी तत्परता से अपनी ड्यूटी को करें। सभी पिंड स्थल का अपना अलग-अलग महत्व है। अलग-अलग तिथि में अलग-अलग पिंड वेदी पर तीर्थ यात्रियों का भीड़ रहेगा, इसके अलावा पितृपक्ष मेला के पूरे अवधि में देवघाट एवं विष्णुपद मंदिर में भीड़ यात्रियों की रहेगी। क्राउड मैनेजमेंट सबसे प्रमुख चलेंगे रहेगा, इसे पूरी तात्पर्यता के साथ अनुपालन कराएंगे।
उन्होंने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को जान माल का क्षति नहीं हो, कोई व्यक्ति तालाब में नहीं दुबे इसका पूरा ध्यान रखना होगा। सभी सरोवरों एवं देवघाट में एसडीआरएफ, गोताखोर एवं लाइव जैकेट की उपलब्धता रखी गई है साथ ही नाव की भी पूरी व्यवस्था रखी गई है। सरोवरों में बैरिकेडिंग के साथ-साथ साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि विष्णु पद मंदिर के इर्द-गिर्द देव घाट के जाने वाले रास्ते काफी संकीर्ण है। इन सभी बिंदु को चौक पॉइंट चिन्हित किया गया है तथा भीड़ नियंत्रण के लिए सेपरेट पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की टीम रखी गई है ताकि कहीं भी भगदड़ की स्थिति नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि शमशान घाट से लेकर गया जी डैम तक एक समय में एक साथ 40 से 50 हजार तीर्थ यात्री एक साथ बैठकर तर्पण कर सकते हैं। इसके अलावा पिछले वर्ष शमशान घाट से मानपुर पूल तक एक नया पाथवे अर्थात विष्णुपथ का निर्माण हुआ है, वहां भी 2 बड़े बड़े घाट बनाये गए हैं, पंडाल का भी निर्माण किया गया है, उस स्थल पर भी तीर्थयात्री पिंडदान करेंगे।
यह भी पढ़ें - तेजस्वी की बात भी नहीं करना चाहते हैं तेज प्रताप, मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर तो...
घाट पर तर्पण के पश्चात सभी तीर्थ यात्रियों का होङ रहता है कि वह मंदिर दर्शन करें। इस चीज पर विशेष ध्यान एवं सतर्कता बरतनी है कि तीर्थयात्री आसानी से कतारबद्ध तरीके से मंदिर में दर्शन करें। तीर्थ यात्रियों के आवागमन का पूरा अच्छा तरीके से प्लान तैयार करें। सभी सार्वजनिक स्थान तथा शिविरों में एंबुलेंस का नंबर भी प्रदर्शित किया गया है इसके अलावा विभिन्न इमरजेंसी सेवाएं यथा फायर सेवाएं का भी नंबर प्रदर्शित कराया गया है। विशेष स्थिति में यदि किसी तीर्थयात्री को इमरजेंसी सेवा की आवश्यकता हेतु उसे स्थान पर प्रतिनियुक्ति संबंधित अधिकारी नजदीकी नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर उस तीर्थ यात्री को समुचित मदद उपलब्ध करा सके। देवघाट एवं विष्णुपद मंदिर में भीड़ नियंत्रण तथा अन्य व्यवस्था का नोडल वरीय पदाधिकारी भी नामित किये गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सेफ्टी एवं सिक्योरिटी के साथ सभी तीर्थ यात्रियों को दर्शन करवाये। तीर्थ यात्रियों को कोई परेशानी ना हो इसी उद्देश्य के साथ आप कार्य करें।
स्थानीय स्तर पर पंडा समाज से जरूर संवाद करें। सभी सेक्टर पदाधिकारी अपने ड्यूटी स्थान पर विभिन्न तीर्थ यात्रियों से बातचीत कर उनकी बातों को समझें यदि उनकी कोई समस्याएं हैं तो उसे तुरंत समाधान करवाने पर कार्य करें। सभी जोनल पदाधिकारी का दायित्व होगा कि अपने स्तर के सभी सेक्टर पदाधिकारी की उपस्थिति शत प्रतिशत सुनिश्चित करावे। सभी दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी अपने मोबाइल में पिंडदान ऐप को इंस्टॉल करें एवं पिंडदान एप में एक फीचर दिया गया है जिसमें आप डायरेक्टली शिकायत/ समस्या को दर्ज कर सकते हैं तथा जिला प्रशासन उक्त एप में आए शिकायतों का बनाए गए सेल के माध्यम से त्वरित गति से समाधान करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र के सभी स्थानों पर पर्याप्त संख्या में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए टॉयलेट लगवाई गए हैं। निरंतर साफ सफाई होते रहे, इसे सुनिश्चित करवाये। सभी पार्किंग स्थलों पर रोशनी का पुख्ता इंतजाम, ड्राइवर खलासी को रहने की व्यवस्था तथा टॉयलेट एवं पेयजल की भी व्यवस्था सुनिश्चित रखें। अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार का कोई ह्रास नहीं किया जाए, इसे सुनिश्चित करवाये। मेला क्षेत्र और बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन इत्यादि में कहीं भी दूषित खाना नहीं बेचे अथवा नहीं परोसे इस पर पूरी निगरानी रखें। सभी पदाधिकारी प्रॉपर ड्रेस कोड में रहकर ड्यूटी का निर्वहन करें। सभी तीर्थ यात्रियों के साथ अच्छा एवं मधुर व्यवहार रखें। पूरे सेवा भाव के साथ अपनी ड्यूटी करें, ताकि वह एक अच्छी सकारात्मक छवि लेकर वह अपने घर वापस लौटे। सभी तीर्थ यात्रियों को पूरी सहायता एवं सुविधा प्रदान करें।
यह भी पढ़ें - नालंदा में मामा बना कंस, इस वजह से भांजे ने समाप्त कर ली अपनी इहलीला
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष तीर्थ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के नए-नए सुविधा को बढ़ाया जा रहा है यह सभी सुविधा उन तक अच्छे तरीके से पहुंचे इसके लिए आप पूरी मेहनत लगन से ड्यूटी करें. उन्होंने कहा कि जिस तरह से महाकुंभ का मेला अपने आप में ऐतिहासिक है उसी प्रकार विश्व में पितृपक्ष मेला भी अपने आप में ऐतिहासिक है, जहां अलग-अलग देश अलग-अलग राज्यों से लोग अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए गया आते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए सभी सेक्टर वार सफाई पर्यवेक्षक सफाई कर्मी पीएचडी विभाग के कर्मी विद्युत विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी का टीम बनाया गया है, जो कही भी कुछ कमी आने से उसको ठीक कराने का काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पदाधिकारी एवं कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए एक अलग से सेल बनाया गया है जो लगातार भ्रमणशील होकर पदाधिकारी कर्मियों का अटेंडेंस लेने का कार्य करेंगे।
इस अवसर पर वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पितृपक्ष मेला पूरे बिहार के लिए काफी महत्वपूर्ण मेला है। इसमें अनेक राज्यो के साथ-साथ विभिन्न देशों से भी तीर्थयात्री गयाजी आते हैं और अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं। उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं हो, इसका बेहतर प्रबंधन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। आप सभी पुलिस पदाधिकारी पूरी मुस्तैती से कार्य करें ताकि जिले की छवि राज्य के साथ-साथ विदेश में भी एक सकारात्मक रूप से पेश हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोई भी व्यक्ति अपने साथ पैसा लेकर नहीं ट्रेवल/घूमते हैं, ज्यादातर लोग कैशलेस या एटीएम का उपयोग करते हैं, इसका पूरा ध्यान रखते हुए अपने थाना क्षेत्र में जितने भी एटीएम मशीन है उसके समीप निगरानी एवं पेट्रोलियम रखें।
यातायात व्यवस्था एक बहुत बड़ा चैलेंज है इसे पूरी अच्छी तरीके से पालन करावे। वन-वे/ पार्किंग जोन इत्यादि को पूरी सख्ती से पालन करावे। भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान रखना होगा। मंदिर के समीप अस्थाई थाना भी बनाया गया है ताकि विधि व्यवस्था को पूरी अच्छी तरीके से संधारण किया जा सके. उन्होंने कहा कि सभी प्रेशर वाले बिंदुओं एवं रास्तों को चिन्हित किया गया है उन सभी स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं मैन पैक के साथ पदाधिकारी को लगाया गया है. इस अवसर पर नगर पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, अपर सम्हर्ता राजस्व, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, अपर समाहर्ता विभागीय जांच, ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता सह नोडल पदाधिकारी पितृपक्ष मेला, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, ज़िला जन सम्पर्क पदाधिकारी, नगर पुलिस उपाधीक्षक सहित जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी गण तथा विभिन्न स्थान पर प्रतिनियुक्ति सभी सुपर जोनल दंडाधिकारी /पुलिस पदाधिकारी, जोनल दंडाधिकारी/ पुलिस पदाधिकारी, सभी सेक्टर दंडाधिकारी/ पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें - 50 वर्षों से हो रहा बिहार के साथ अन्याय, उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में रैली कर केंद्र सरकार से की ये मांग
गया जी से मनीष कुमार की रिपोर्ट