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कहीं पति-पत्नी तो कहीं दो भाई हैं आमने सामने, काफी दिलचस्प होगा राजनीति में पारिवारिक मुकाबला...

बिहार विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. सभी सीटों पर दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला टक्कर का तो है ही लेकिन इन सीटों पर पति-पत्नी और भाइयों के बीच ही मुकाबला है...

Somewhere husband and wife and somewhere two brothers are fa
कहीं पति-पत्नी तो कहीं दो भाई हैं आमने सामने, काफी दिलचस्प होगा राजनीति में पारिवारिक मुकाबला...- फोटो : Darsh News

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और NDA के दलों के साथ ही अन्य कई दल और निर्दलीय उम्मीदवार आमने सामने हैं। करीब सभी विधानसभा सीटों पर टक्कर कांटे की है तो कई जगहों पर त्रिकोणीय मुकाबला भी देखने को मिल रहा है। लगभग सभी उम्मीदवारों का समर्थन उनके परिवार और पार्टी के लोग कर रहे हैं लेकिन कुछ ऐसे विधानसभा सीट भी हैं जहां मुकाबला राजनीतिक होने के साथ ही पारिवारिक भी है। इन्हीं सीटों में से एक सीट है अररिया का जोकीहाट विधानसभा सीट जहाँ दो भाई दो अलग अलग पार्टियों की टिकट पर आमने सामने हैं।

ये प्रत्याशी हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत तस्लीमुद्दीन के बेटे चार बार विधायक रह चुके सरफराज आलम जन सुराज की टिकट पर मैदान में हैं तो दूसरी तरफ उनके ही छोटे भाई और वर्तमान विधायक शाहनवाज आलम RJD की टिकट पर मैदान में हैं। शाहनवाज आलम बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। दोनों भाइयों में कुर्सी की ललक और पिता की विरासत को पाने की चाह ने आपस में विरोधी बना दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत तस्लीमुद्दीन के बड़े बेटे सरफराज आलम ने 1996 में राजनीति में कदम रखा और अब तक चार बार विधायक बन चुके हैं जबकि उनके छोटे भाई शाहनवाज आलम ने अपने बड़े भाई को ही 2020 में AIMIM के टिकट पर हरा कर राजनीति में एंट्री ली थी। पहली ही जीत के बाद वे बिहार सरकार में मंत्री भी बनाये गए थे।

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इसके साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी RJD ने शाहनवाज आलम को अररिया से उम्मीदवार बनाया था लेकिन वे हार गए। कहा जाता है कि पारिवारिक कलह की वजह से बड़े भाई ने अपने छोटे भाई के विरोध में काम किया जिसकी वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। फ़िलहाल एक ही सीट पर दोनों भाई अलग अलग पार्टियों के टिकट पर एक दूसरे के सामने मैदान में हैं वहीं NDA से JDU ने पूर्व मंत्री मंजर आलम को मैदान में उतारा है जिसके बाद यहां त्रिकोणीय मुकाबला है।

दूसरी तरफ मोतिहारी विधानसभा सीट पर मोतिहारी की मेयर प्रीति गुप्ता ने निर्दलीय नामांकन करवाया है जबकि उनके पति देवा गुप्ता RJD की टिकट पर मैदान में हैं। कहा जा रहा है कि मोतिहारी की मेयर प्रीति विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन उनके पति देवा गुप्ता ने RJD के टिकट पर अपना नामांकन करवा लिया जिसके बाद प्रीति गुप्ता ने भी निर्दलीय ही अपना नामांकन करवा लिया है। अब देखने वाली बात है कि राजनीतिक लड़ाई में पारिवारिक मुकाबला कितना रंग लाती है।

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