बिहार में चुनाव तैयारियों की आयोग ने की समीक्षा, राजनीतिक दलों के साथ ही अधिकारियों के साथ...
बिहार में चुनाव तैयारियों की आयोग ने की समीक्षा, राजनीतिक दलों के साथ ही अधिकारियों के साथ...

पटना: बिहार चुनाव की घोषणा से पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दोनों निर्वाचन आयुक्त डॉ सुखबीर सिंह संधू और डॉ विवेक जोशी के साथ दो दिवसीय दौरा पर पटना पहुंचे हैं। दौरा के पहले दिन चुनाव आयुक्त ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग पर निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने का भरोसा जताते हुए अधिकाधिक मतदान प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए छठ के बाद कम से कम चरणों में मतदान करवाने की मांग की।
उत्सव की तरह मनाएं चुनाव
बैठक के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों को सशक्त लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सेदार बताया और चुनाव प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में सक्रिय भागीदारी की उम्मीद जताई। चुनाव आयुक्त ने SIR प्रक्रिया में भी राजनीतिक दलों के सहयोग की सराहना की और चुनाव को मतदाताओं के साथ मिल कर उत्सव की तरह मनाने की अपील की।
छठ के बाद कम से कम चरणों में हो मतदान
बैठक के दौरान राजनीतिक दलों ने बिहार चुनाव ने किए जा रहे पहलों जैसे मतदान केंद्रों पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की संख्या सीमित करने, पोस्टल बैलेट की गिनती EVM वोट की गिनती से पहले करने समेत अन्य पहलों की सराहना की और सुझाव दिया कि मतदान छठ पर्व के तुरंत बाद यथासंभव कम चरणों में कराए जाएं ताकि मतदान में अधिक से अधिक मतदाता हिस्सा ले सकें।
राज्य के अधिकारियों के साथ भी की समीक्षा बैठक
राजनीतिक दलों के साथ बैठक के बाद आयोग ने आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, उप-महानिरीक्षकों, जिला निर्वाचन पदाधिकारियों, वरीय पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों के साथ चुनाव की योजना, ईवीएम प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स, मतदान केंद्रों का पुनर्गठन एवं ढांचा, मतदानकर्मियों का प्रशिक्षण, जब्ती कार्यवाही, कानून-व्यवस्था, मतदाता जागरूकता और पहुँच गतिविधियों पर विस्तृत समीक्षा की।
सोशल मीडिया पर रखें पैनी नजर
राजनीतिक दलों के सुझावों के आधार पर आयोग ने अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और राज्य प्रशासन को पूरी निष्पक्षता से कार्य करने तथा राजनीतिक दलों की शिकायतों और आपत्तियों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की निगरानी करें और आवश्यक होने पर त्वरित कानूनी कार्रवाई करें।